आंध्र प्रदेश में शराब की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने नई शराब नीति का ऐलान किया है, जिससे शराब के शौकीनों को बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने इस नई नीति के तहत शराब की कीमतों को घटाते हुए इसे और किफायती बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत अब लोगों को सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली शराब कम कीमत पर उपलब्ध होगी।
1 अक्टूबर से लागू होगी नई शराब नीति
आंध्र प्रदेश सरकार की नई शराब नीति 1 अक्टूबर से लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत शराब की कीमतों को कम कर दिया गया है, जिससे अब राज्य के लोग केवल 99 रुपये में 180 एमएल शराब के पैक को खरीद सकेंगे। यह कदम राज्य में शराब की महंगी कीमतों से जूझ रहे लोगों के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
सस्ती शराब, बेहतर क्वालिटी
नई नीति का सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि इसके तहत शराब की क्वालिटी, क्वांटिटी और कीमत का विशेष ध्यान रखा गया है। दी हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, शराब के शौकीन 180 एमएल वाले पैक को अब सिर्फ 99 रुपये में खरीद सकेंगे। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि शराब सस्ती होने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता भी उच्चस्तरीय बनी रहे, ताकि लोग सस्ती कीमत पर अच्छी शराब का लाभ उठा सकें।
लाइसेंस और दुकानों के समय में बदलाव
सरकार ने शराब की दुकानों को लेकर भी कई बड़े बदलाव किए हैं। अब शराब की दुकानों के लाइसेंस लॉटरी सिस्टम के जरिए 2 साल के लिए दिए जाएंगे। साथ ही, इन दुकानों का संचालन निजी हाथों में होगा। इसके अलावा, दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में भी बदलाव किया गया है। नई नीति के तहत, अब शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहेंगी, जो पहले से अधिक लचीला समय है।
शराब दुकानदारों को मिलेगा मुनाफा
नई नीति के अनुसार, शराब दुकानों का संचालन करने वालों को उनकी कुल बिक्री पर 20% मुनाफा मिलेगा। इसके अलावा, लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 2 लाख रुपये का नॉन-रिफंडेबल आवेदन शुल्क तय किया गया है। लाइसेंस फीस के लिए चार स्लैब निर्धारित किए गए हैं, जो 50 लाख रुपये से लेकर 85 लाख रुपये तक हैं। सरकार ने इस नीति में यह भी सुनिश्चित किया है कि ताड़ी निकालने वालों के लिए 10% दुकानें आरक्षित रहेंगी। इसके अलावा, 15 प्रीमियम शराब दुकानों को 5 साल के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे।
राजस्व में होगी भारी बढ़ोतरी
नई शराब नीति से राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे लगभग 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। सरकार का मानना है कि यह नीति राज्य के राजस्व को बढ़ाने के साथ-साथ अपराध दर को नियंत्रित करने और शराब की तस्करी पर रोक लगाने में भी मददगार साबित होगी।