मथुरा में पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

राजकुमार गुप्ता ब्यूरो चीफ मथुरा।

मथुरा।उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा में पशुधन उत्पादन प्रौद्योगिकी विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न । राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पशुधन के विभिन्न उत्पाद मानव स्वास्थ्य विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है । पशुधन उत्पाद वैज्ञानिकों द्वारा उच्च कोटि का स्वास्थ्यवर्धक स्वच्छ तथा रोग मुक्त पशुधन उत्पाद उपलब्ध करना ही, उनका दायित्व है। उन्होंने कहा कि पशुधन के जो भी उत्पाद मनुष्य प्रयोग में लाये जाते हैं, उन सभी उत्पादों को बनाने से पहले पशुधन का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि विभिन्न प्रकार की बीमारियां पशुओं से मानव शरीर में फैल सकती हैं। उन्हें हम जूनोटिक बीमारियां कहते हैं । इसलिए पशुधन उत्पाद विशेष कर, मांस के प्रसंस्करण में विज्ञानियों और विशेषज्ञों को ध्यान रखना चाहिए की जो भी प्रसंस्कृत मांस मनुष्य पोषण में प्रयोग किया जा रहा है, वह स्वास्थ्यवर्धक होना चाहिए। राष्ट्रीय संगोष्ठी में पशुधन की विभिन्न उत्पादों जैसे दूध, दही, मांस, अंडा आदि को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्धक बनाकर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने विषय पर देश-विदेश के 200 से अधिक पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने अपने-अपने शोधों का प्रस्तुतीकरण कर, अपनी राय रखी । तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी द्वारा प्रसंस्कृत मांस को, उसकी पोषण क्षमता तथा पौष्टिकता को बनाए रखते हुए उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया था। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संयुक्त निदेशक, एकेडमिक्स, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जत नगर, बरेली के डॉ. एस. के. मेहंदीदत्ता ने बताया कि पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी, पशुधन के विभिन्न उत्पादों को स्वच्छ, सुरक्षित तथा पौष्टिकता बनाए रखते हुए उपभोक्ताओं को उपलब्ध करने का एक अच्छा साधन है । राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. गिरीश पाटिल ने विभिन्न उत्पादों को एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर जोर दिया। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विकास पाठक अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय ने समस्त आगंतुक वैज्ञानिकों का उनके द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट शोध की सराहना करते हुए कहा कि वैज्ञानिको की नई-नई शोध, पशुधन उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ावा देगा। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष, प्रोफेसर विकास पाठक को राष्ट्रीय पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी समिति द्वारा बेस्ट रिसर्चर की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर अर्चना पाठक अधिष्ठाता, परास्नातक, कुलसचिव, प्रोफेसर अरुण कुमार मदान, प्रोफेसर आर. पी. पांडे, प्रोफेसर पी.के. शुक्ला, प्रोफेसर देश दीपक सिंह, प्रोफेसर बृजेश यादव, प्रोफेसर राम सागर, प्रोफेसर अरविंद त्रिपाठी सहित देश – विदेश से आए हुए समस्त प्रतिभागी विज्ञानी; विश्वविद्यालय के परास्नातक छात्र-छात्राएं, शिक्षक तथा अधिकारी उपस्थित रहे। संगोष्ठी के तकनीकी सचिव प्रोफेसर अमित सिंह ने विभिन्न तकनीकी सत्रों की विवेचना प्रस्तुत किया तथा अंत में सबका धन्यवाद ज्ञापित किया।

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