छठ पर्व से ठीक पहले संगीत जगत को बड़ा झटका! बिहार की स्वर कोकिला का भावुक विदाई संदेश वायरल

बिहार की लोकप्रिय गायिका, शारदा सिन्हा, जिन्हें “बिहार की स्वर कोकिला” के नाम से जाना जाता है, का मंगलवार रात दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में निधन हो गया। शारदा सिन्हा पिछले कुछ समय से मल्टीपल मायलोमा नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं और इस बीमारी का इलाज करा रही थीं। उन्हें इस वर्ष छठ पर्व से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छठ पर्व के महत्व को देखते हुए, यह खबर उनके प्रशंसकों और बिहार के संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ा आघात थी, क्योंकि शारदा सिन्हा का नाम छठ पर्व के गीतों के साथ गहरे रूप में जुड़ा हुआ है।

छठ पर्व के दौरान, उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए उनकी एक नई गीत रचना को जारी किया। इस गीत का शीर्षक ‘दुखवा मिटाईं छठी मैया, रउए आसरा हमार’ है, जो उनकी मां की छठी मइया के प्रति गहरी श्रद्धा और बिहार के छठ पर्व की संगीतमय परंपरा को दर्शाता है। पहले इस गीत का ऑडियो रिलीज़ किया गया, और बाद में इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया। यह गीत छठ के भक्तों के बीच बड़ी तेजी से लोकप्रिय हो गया और इंटरनेट पर वायरल हो गया।

अंशुमान सिन्हा ने इस नए गीत को लेकर अपनी मां की भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि शारदा सिन्हा खुद इस साल छठ पर्व पर नया गीत लेकर आना चाहती थीं और इसके लिए वे काफी उत्साहित थीं। उन्होंने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी थी। यह सब बताते हुए अंशुमान भावुक हो गए और कहा कि उनकी मां की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए वे काफी चिंतित थे। सोशल मीडिया के जरिए अंशुमान ने अपनी मां के स्वास्थ्य से जुड़े अपडेट नियमित रूप से साझा किए और अपने प्रशंसकों से प्रार्थना करने का आग्रह भी किया।

अंशुमान द्वारा जारी किए गए इस नए छठ गीत को विशेष रूप से यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपलोड किया गया, जहाँ इसे बहुत प्यार मिला। बीते छह दिनों में इसे दो लाख 63 हजार से अधिक बार देखा गया और एक लाख 51 हजार से अधिक लोग इसे सब्सक्राइब कर चुके हैं। यह दिखाता है कि छठ पर्व के दौरान शारदा सिन्हा के गीतों का महत्व उनके चाहने वालों के दिलों में कितना गहरा है। अंशुमान ने यह भी बताया कि इस गीत का ऑडियो कुछ महीनों पहले ही रिकॉर्ड कर लिया गया था, लेकिन वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया जा सका। इसलिए उन्होंने अपनी मां के पुराने वीडियो और छठ महापर्व के फुटेज को मिलाकर इस गीत का वीडियो तैयार किया।

शारदा सिन्हा के निधन पर लोकगायिका पुष्पा झा ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके जाने से संगीत की दुनिया में एक गहरा खालीपन आ गया है। पुष्पा झा ने बताया कि उन्हें शारदा सिन्हा को बहुत करीब से जानने और उनकी प्रस्तुति को सुनने का मौका मिला है। उनके अनुसार, शारदा सिन्हा न केवल अपनी आवाज़ की मिठास और भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए मशहूर थीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को भी उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से संजो कर रखा था।

शारदा सिन्हा को उनकी कला और योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। छठ महापर्व के गीतों के बिना, यह त्योहार अधूरा सा लगता है, और शारदा सिन्हा का नाम इस पर्व से इतना जुड़ा हुआ है कि उनके गाए हुए गीत छठ के हर भक्त के दिल में एक विशेष स्थान रखते हैं। छठ पर्व से गहरा नाता रखने वाली इस महान गायिका ने छठ पर्व के दौरान ही अंतिम सांस ली, जो उनकी संगीत यात्रा और छठ पर्व के प्रति उनके समर्पण को एक अद्भुत श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा सकता है।

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