अधिकारियों की उपेक्षा के कारण आदिवासियों की महत्वपूर्ण परसोई मार्ग अधर में लटका।

डिप्टी व्यूरो-सोनभद्र

ओबरा/सोनभद्र। रेणुकापार के कालापानी आदिवासी क्षेत्र को ओबरा से जोड़ने वाली कडिया परसोई मार्ग अधिकारियों की खींचातानी व विभागीय उपेक्षा के कारण आज भी अधूरा है। ज्ञातव्य है कि लोकसभा चुनाव के दौरान रेणुका पार के आदिवासी परसोई सम्पर्क मार्ग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था। जिसे जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से सड़क वनवाने के आश्वासन पर चुनाव संपन्न हो पाया था।पूरे भाठ क्षेत्र को जोड़ने वाली कडिया परसोई मार्ग से प्रतिदिन हजारों वनवासी गिरीवासी रेणुकापार ओबरा डाला मुख्यालय पैदल वाहन से गिरते पडते आते जाते हैं।

खराब मार्ग होने कारण स्वास्थ्य सेवाएं आदिवासी क्षेत्र में नहीं मिल पाता है जिसे लेकर लोग सरकार को कोसते रहते हैं। इसी क्रम में भाजपा पिछड़ा वर्ग के मंडल अध्यक्ष रामलाल जायसवाल ने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी का ध्यान इस आदिवासी समाज की रोड निर्माण की मांग उठाई है। वहीं उक्त प्रकरण के बावत रामलाल ने बताया कि कडिया से परसोई मार्ग की कुल लम्बाई 10 कि.मी.है जो 8 कि.मी.सड़क बन गयी है।2 कि.मी.सड़क आधी अधूरी अधिकारियों की उपेक्षा के कारण बनने से बंचित रह गयी है।पी.एम.ओ.के हस्तक्षेप के कारण सड़क निर्माण अधर में पड़ा है।आदिवासी क्षेत्र के रहवासियों ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर इस महत्वपूर्ण मार्ग निर्माण की मांग की है।

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