काशी एवं तमिल संस्कृति पर आधारित चित्र प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र

वाराणसी ब्यूरो सत्यभूषण तिवारी की रिर्पोट।

काशी तमिल संगमम पार्ट—टू में भी लोगों का उत्साह नजर आ रहा है। नमो घाट पर काशी तमिल संगमम में लगे विभिन्न स्टालों पर लोगों की जहां भीड़ उमड़ रही है वहीं तमिलनाडु से आने वाले लोग काशी की संस्कृति की झलक ले रहे हैं तो काशीवासी तमिल संस्कृति से रुबरु हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ परिकल्पना को इस आयोजन से साकार किया जा रहा है। 17 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी तमिल संगमम के पार्ट—टू का शुभारंभ किया उसके बाद से तमिल और काशीवासियों में उत्साह दौड़ गया। काशी तमिल संगमम स्थल नमो घाट पर केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से “हमारा संकल्प विकसित भारत, काशी एवं तमिल संस्कृति, तमिल स्वतंत्रता आंदोलन और इन दो जगहों के भारत रत्न एवं पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तित्वओं के जीवनी पर आधारित चित्र प्रदर्शनी लगायी गयी है। जहां लोग बड़े उत्साह के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं। प्रदर्शनी में तमिलनाडु एवं काशी के सामजिक, राजनैतिक, और सांस्कृतिक क्षेत्र के चर्चित एवं प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के जीवन एवं योगदान की गाथा चित्रों एवं शब्दों में प्रदर्शित की गयी है जिसमे तमिलनाडु के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी,पुली थेवर, वीरापाण्ड्य कट्टा बोम्मन, मारुथु ब्रदर्स, रानी वेलु नचियार, धीरन चिन्नमलै, ओंदीवीरन, वीरन अझगू मुत्तू कोणे आदि शामिल हैं। सामजिक एवं राजनैतिक क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्व चक्रवर्ती, राजगोपालचरी,डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, के कमराज, चिदंबरम सुब्रमण्यम, मदुरै शंमुख वदिवु सुब्बु लक्ष्मी, एम जी रामचंद्रन आदि हैं और वाराणसी के सामजिक एवं राजनैतिक, सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तित्व महामना पंडित मदनमोहन मालवीय, डॉ भगवान दास, लालबहादुर शास्त्री, बिस्मिल्ला खां, पंडित रविशंकर आदि के बारे में जानकारी दी गयी है साथ ही काजीवरम और बनारसी सिल्क साड़ी और हमारा संकल्प विकसित भारत थीम पर केंद्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में चित्रों और संक्षिप्त शब्दों में जानकारी देने का एक प्रयास है।

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