
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सिंगरौली/मध्य प्रदेश। विकासखंड देवसर क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरई शौचालय पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। वही एक भी शौचालय चालू हालत में नही है। जिससे छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक भी परेशान हैं। तहसील मुख्यालय सरई के हायर सेकेण्डरी विद्यालय में शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा का टोटा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शासकीय उमा विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के द्वारा कई बार जिला मुख्यालय के अधिकारियों के यहां उक्त समस्याओं के संबंध में पत्राचार कर अवगत भी कराया गया। लेकन उक्त समस्या जस की तस बनी हुई है। विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था अस्त-व्यस्त होने पर विद्यालय प्रबंधन भी सवालो के कटघर्रे में घिरता जा रहा है। वही छात्रों के अभिभावको के साथ-साथ कई शिक्षको ने भी इस समस्या के बारे में अपनी अलग-अलग व्यथा सुनाई है। शिक्षको ने यह भी बताया कि यहां शौचालक की व्यवस्था न होने के कारण छात्र-छात्राओं को कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसको बया भी नही किया जा सकता है। इसे सहज तरीके से अंदाजा लगाया जा सकता है। विद्यालय के कई छात्र-छात्राओं व शिक्षको ने प्रभारी मंत्री के साथ-साथ कलेक्टर का भी ध्यान आकृष्ट कराया है।
डीएमएफ फण्ड से हो कार्य:- विद्यालय के कई छात्रों ने डीएमएफ फण्ड एवं एनसीएल व एनटीपीसी परियोजना के सीएसआर के राशि दुरूपयोग करने का भी आरोप लगाया है। छात्रों ने यहां तक कहा है कि सामग्रियों की खरीदारी करने में कई विभाग के अधिकारियों का फोकस ज्यादा रहता है। क्योंकि उसमें ठीकठाक लाभ हो जाता है और इसी लाभ के चलते जिम्मेदार अधिकारी लोगों के मूलभूत आवश्यकताओं को भूल जाते है।छात्रों ने यहां तक कहा कि विद्यालय में शौचालय की हालत क्या है और कब से है इसपर अधिकारियों की नजरे ईनायत नही हो रही है। यदि चितरंगी ब्लॉक के स्कूलो में माईनर रिपेयर के नाम पर दो-दो लाख रूपये डीएमएफ फण्ड से दिया जा सकता है तो क्या यहां शौचालय मरम्मत के लिए रकम नही दी जा सकती है। किन्तु भवनो की पुताई में ठीकठाक बच जाएगा। शायद इसीलिए शौचालय उनके नजर में आवश्यक नही है।