गणतंत्र दिवस पर जरूर पढ़ें कवि विजय कुमार की यह कविता

सभी देशवासियों को हमारे राष्ट्रीय पर्व के 76 वां गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। मैं कवि विजय कुमार कोसले आप सभी मित्रों के जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूं। पढ़िए मेरे एक स्वलेख प्रेणात्मक और राष्ट्र प्रेम भाव से समर्पित रचना “मेरे अरमान”।
“आओ हम सब कदम बढ़ायें देश की उत्थान में।
खुशी से झूमे हर घर आंगन अपना हिन्दुस्तान में”।।

।। मेरे अरमान।।

सुनो प्रार्थना भगवन मेरे
कृपा इतनी बरसाओ,
राष्ट्र प्रेम में डूबे तन मन
ऐसे भाव जगा जाओ।

कर सकूं मैं जीवन भर
दिन दुखियों की सेवा,
देना ऐसी शक्ति सामर्थ्य
सदा मुझे तुम देवा।

माता-पिता हर अपनों का
नित मिले मुझे आशीष,
गुरू जन इष्ट मित्रों को भी
मै भूलूं नहीं जगदीश।

सत्य धर्म की हर राहों में
समर्पित हो तन मन,
प्रेम समर्पण भक्ति भाव से
रहे हर्षित जन जन।

धन दौलत न चाहत मेरी
है राष्ट्र प्रेम अजीज़ ,
मरूं तो मेरे शव को हो एक
कफन तिरंगा नसीब।

दिल में सबके प्रेम बढ़े
बस है मेरे अरमान,
हर घर आंगन खुशियां हो
रब दो ऐसे वरदान।

Poet/Author
Vijay Kumar Kosle
Sarangarh Chhattisgarh.
Mo – 6267875476


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