न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। ओबरा क्षेत्र में संचालित क्रेशर इकाइयों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा की जा रही तात्कालिक जांच एवं दंडात्मक कार्रवाइयों के संदर्भ में छात्र नेता अभिषेक अग्रहरी ने उपजिलाधिकारी, ओबरा को एक गंभीर पत्र सौंपा है। पत्र में उन्होंने क्रेशर संचालकों के साथ हो रहे अन्याय और मनमाने तौर पर की जा रही कठोर कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रेषित पत्र में उल्लेख किया गया है कि 02 अप्रैल 2025 को जिलाधिकारी कार्यालय से निर्गत आदेश संख्या 15/पी०ए०डी०एम०–प्रशांत टीम/2025 के अंतर्गत प्रदूषण नियंत्रण की जांच हेतु गठित विशेष टीम द्वारा बिना पूर्व सूचना और मानकों की स्पष्ट जानकारी दिए, सीधे दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है, जिससे व्यवसायियों को भारी आर्थिक और मानसिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
अभिषेक अग्रहरी ने तीन मुख्य मांगें रखी हैं:- क्रेशर संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण संबंधी मानक लिखित रूप में उपलब्ध कराए जाएं।
सुधार हेतु एक निर्धारित समय सीमा प्रदान की जाए:-तत्काल प्रभाव से अब तक की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए, ताकि व्यवसायियों को समुचित अवसर मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि निर्धारित अवधि के बाद कोई इकाई मानकों का उल्लंघन करती पाई जाती है तो उनके विरुद्ध विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि प्रशासन की कार्यवाही न्यायोचित, पारदर्शी एवं संतुलित बनी रहे। अंत में उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया कि इस प्रकरण में संवेदनशीलता के साथ विचार कर, क्रेशर व्यवसायियों के हितों की रक्षा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश शीघ्र जारी किए जाएं।