कार्यक्रमों में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री वाजपेयी के पदचिन्हों पर चलने का लिया संकल्प
प्रधान होनहार सिंह ने दिलाई सुशासन की शपथ , जिला स्तरीय समारोह में कवियों के काव्य पाठ ने किया मंत्रमुग्ध
दीपांकुर चौहान, न्यूज़लाइन नेटवर्क, केकड़ी : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘सुशासन दिवस’ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम नगर परिषद सभागार में समारोह पूर्वक मनाया गया।इसके साथ उपखंड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन भी जिलेभर में किया गया। इस मौके पर सभी लोगों ने उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया और सुशासन की शपथ दिलाई गई।
कविताओं के माध्यम से श्री वाजपेयी को किया याद
जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने श्री वाजपेयी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पश्चात मंच संचालक बिहारी दान चारण ने श्री वाजपेयी का विस्तृत जीवन परिचय सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। साथ ही संगोष्ठी में ज्ञानचंद सुराणा, काशीराम विजय एवं अनिल राठी द्वारा वाजपेयी के जीवन, व्यक्तित्व, राजनीतिक यात्रा, समाज सेवा, पत्रकारिता, साहित्य एवं अन्य क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर विस्तार के साथ प्रकाश डाला।
इसके पश्चात साहित्य संस्थान के कवि गणों द्वारा कविताओं के माध्यम से श्री वाजपेयी को याद किया गया। श्रीमती मंजू गर्ग , विष्णु शर्मा सहित अन्य कवियों की रचनाएं सुनकर तालियों से परिसर गूंज उठा।
सुशासन के संकल्पों को जीवन में आत्मसात करें : प्रधान होनहार सिंह
जिला स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य देते हुए केकड़ी पंचायत समिति के प्रधान होनहार सिंह ने श्री वाजपेई के जीवन से जुड़े अनुभवों को सभी के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेई का जीवन हमेशा प्रेरणा देता है।अब हम सभी का कर्तव्य है कि उनके द्वारा बताए गए सुशासन के संकल्पों को जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस पर संकल्प लेते हुए सभी लोग अपने कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करें। सभागार में उपस्थित सभी को सुशासन की शपथ दिलवाई गई।
हर वर्ष मनाया जाता है सुशासन दिवस
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया।
वर्ष 1947 में श्री वाजपेयी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के समाचार पत्रों के लिये एक पत्रकार के रूप में राष्ट्र धर्म (एक हिंदी मासिक), पांचजन्य (एक हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक समाचार पत्रों-स्वदेश और वीर अर्जुन में काम करना शुरू किया। बाद में श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित होकर वाजपेयी जी वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए।
श्री वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे और वर्ष 1996 तथा 1999 में दो बार इस पद के लिये चुने गए थे। एक सांसद के रूप में वाजपेयी को वर्ष 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उन्हें “सभी सांसदों के लिये एक रोल मॉडल” के रूप में परिभाषित करता है। उन्हें वर्ष 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से और वर्ष 1994 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
जिला स्तरीय समारोह के दौरान प्रधान होनहार सिंह ने उपस्थित लोगों को सुशासन की शपथ दिलाई।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष कमल साहू, अनिल राठी ,अतिरिक्त जिला कलक्टर दिनेश धाकड़, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी गोविंद नारायण शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी इंद्रजीत सिंह, जिला रसद अधिकारी सादिक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विष्णु शर्मा, सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक, महिला एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बिहार दान चारण ने किया।