आजीविका मिशन चितरंगी में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, अध्यक्ष ने की जांच की मांग, चेक से हुए संदिग्ध भुगतान, पारदर्शिता पर उठे सवाल।

न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली चितरंगी आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। नव-नियुक्त अध्यक्ष संपूलवा देवी ने खुलासा किया है कि पूर्व में मिशन के फंड से नियम विरुद्ध ढंग से लाखों रुपये का भुगतान निजी फर्मों और फर्जी खातों में किया गया है।
भ्रष्टाचार की आशंका, जांच की मांग, अध्यक्ष संपूलवा देवी ने कहा कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो कई बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आजीविका मिशन की सहायता केवल पात्र हितग्राहियों तक ही पहुंचे।विवादास्पद भुगतान का ब्यौरा संपूलवा देवी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, चेक क्रमांक: 33147610के माध्यम से कुल ₹24,55,000 का संदिग्ध भुगतान हुआ: ₹15,00,000 — ग्राम समिति बड़कुड़ (खाता संख्या: 490402010091357), ₹3,00,000 — शारदा स्वयं सहायता समूह (490402010091358), ₹3,00,000 — सरस्वती स्व सहायता समूह (490402010106376), ₹3,000 — मुनक्का देवी (490402120017778), ₹3,000 — संपूलवा देवी (CLF बड़कुड़ अध्यक्ष (490402010098715), ₹3,00,000 — लक्ष्मी स्व सहायता समूह (80044986992)
साथ ही, चेक क्रमांक: 33219154के माध्यम से ₹12,00,000 का भुगतान रिचा खाद बीज भंडार, अमरपाटन (सतना) के नाम पर किया गया।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इन भुगतानों में पारदर्शिता की भारी कमी सामने आ रही है। यदि यह राशि फर्जी खातों में गई है या निजी लाभ के लिए उपयोग की गई है, तो यह एक गंभीर आपराधिक कृत्य है। बावजूद इसके, प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों के मन में सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका गहराती जा रही है।
जनता और अध्यक्ष की मांगें:- 1. मामले की CBI या आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराई जाए। 2. जिन व्यक्तियों/समूहों को अवैध भुगतान हुआ है, उनसे राशि की वसूली की जाए। 3. आजीविका मिशन से जुड़े सभी लेनदेन की ऑडिट कराई जाए। 4. दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
विशेष टिप्पणी:- यह मामला केवल आर्थिक गड़बड़ी नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास की आत्मा पर सीधा प्रहार है।” जिस योजना का उद्देश्य ज़रूरतमंदों को सहायता देना था, वह आज भ्रष्टाचार का शिकार हो रही है। यह न केवल सरकारी प्रणाली की विफलता, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर करता है। नया नेतृत्व इस दिशा में सकारात्मक पहल कर रहा है, लेकिन यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाएंगी। अब वक्त है जब शासन को जवाबदेही निभानी चाहिए। इस खबर की पुष्टि मेरे संवाददाता या मेरा पेपर नहीं करता ये अब विभागीय अधिकारियो के जांच के बाद ही पुष्टि हो पाएगी।

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