न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। महिला एवं बाल विकास विभाग पिछले कुछ दिनों से अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना है। मार्च माह के आखिरी दिनों में कई योजनाओं के राशि में तत्कालीन डीपीओ प्रभारी ने लाखों रूपये का हेरफेर किया है। वही चर्चा है देवसर आईसीडीएस दफ्तर में एक प्राईवेट ऑपरेटर सब पर भारी है और अब पूर्व डीपीओ के बाद प्रभारी परियोजना अधिकारी का चहेता बना हुआ है। दरअसल सूत्रों की बात माने तो महिला एवं बाल विकास विभाग देवसर में अनियमितताओं का बोलबाला है। कुछ दिनों पूर्व साझाचूल्हा कार्यक्रम के रसोईयों को मानदेय देने के आड़ में कथित एक कम्प्यूटर प्राईवेट ऑपरेटर ने जमकर वसूली किया। तीन साल तक का मानदेय लटकाने के पीछे आईसीडीएस अमले की मंशा क्या रही। स्टाफ के लोग भलीभांति जानने लगे। वही आरोप है कि आईसीडीएस का दफ्तर एक कम्प्यूटर ऑपरेटर संभाले हुये हैं और उगाही-बगाही में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है। आरोप है कि प्रभारी परियोजना अधिकारी का बैढ़न से देवसर आना-जाना कम होता है। शायद इसीलिए प्रभारी योजना अधिकारी का सबसे विश्वासपात ऑपरेटर बना हुआ है। चर्चा है कि प्राईवेट ऑपरेटर की कहानी एक नही अनेक है। कुछ आंनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इसी कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।