
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट – अरविन्द प्रकाश मालवीय
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। म.प्र्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में सब कुछ ठीक-ठाक नही है। चितरंगी के बाद बैढ़न विकास खण्ड के काजल आजीविका स्व सहायता समूह की महिलाओं ने आजीविका मिशन से जुड़े हुये अधिकारियों एवं संगठनों पर सनसनी खेज आरोप लगाते हुये कलेक्टर से मिलकर शिकायत की है। शिकायत में राशि की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। दरअसल बैढ़न विकास खण्ड के म.प्र्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े काजल आजीविका स्व सहायता समूह के फुलकुमारी समेत करीब एक दर्जन महिलाएं शिकायत पत्र लेकर कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंची हैं।जहां समूह की महिलाओं ने कोलांचल के 35 ग्राम संगठन एवं समूहों को जांच कराकर आजीविका मिशन से जुड़े धीरज तिवारी, रमेश शाह, कुंवर शाह, प्रवीना शाह, सुनीता शाह के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
काजल आजीविका मिशन स्व सहायता समूह के सीआरपी निवासी पड़री फुलकुमारी ने बताया है कि वर्ष 2018 से लेकर अब तक लाखों-करोड़ों रूपये की हेराफेरी की गई है। आजीविका मिशन से जुड़े धीरज तिवारी, रमेश शाह व अन्य के द्वारा बैंकों से सांठगांठ कर राशि आहरण कराने में सफल रहे हैं। समूहों से जुड़े सदस्यों को हजार-पॉच सौ रूपये देकर ड्रावल में हस्ताक्षर करा ले रहे हैं। शिकायत में आरोप लगाया है कि करीब तीन-चार महीनों से लगातार उक्त मामले की जांच कराये जाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के यहां आवेदन दिया जा रहा है। लेकिन अभी तक संबंधित जनों के विरूद्ध न तो कई जांच दल बैठाई गई और न ही उनके विरूद्ध कार्रवाई की गई। समूह से जुड़े महिलाओं का आरोप है कि यदि शीघ्र मामले की जांच नही कराई गई तो हम सभी महिलाएं आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। फिलहाल आजीविका मिशन सिंगरौली में पिछले चार सालों से गड़बड़ घोटाला हो रहा है। यह बात किसी से छुपी नही है। एक वर्ष पूर्व बच्चों के गणवेश वितरण में जिस तरह से घोटाला हुआ। वह जगजाहिर है। इसके अलावा चितरंगी क्षेत्र में भी जमकर राशि की दुरूपयोग एवं बंदरबांट की गई है। इसकी पूर्व में शिकायते भी हुई, लेकिन जिला प्रबंधक एवं अन्य अधिकारी मिलकर शिकायत पत्र को ही रद्दी टोकरी में फेंकने में माहिर हैं।
गणवेश वितरण से ही हुई थी विभाग की किरकिरी:– म.प्र्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सिंगरौली पिछले तीन वर्ष से गणवेश वितरण को लेकर सवालों में घिरा रहा है। जिला प्रबंधक की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में रही है। किसी तरह पिछले सत्र में गणवेश का वितरण शत-प्रतिशत कराने का दावा किया है, उस दावे पर कोई सवाल नही करना चाहता, लेकिन इसके पूर्व स्कूली बच्चों को मिलने वाले गणवेश के वितरण में जितनी धांधली हुई। वह जगजाहिर है। जिला पंचायत के अधिकारी व प्रबंधक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं अब और स्व सहायता समूह भी राशि के हेराफे री को लेकर उक्त विभाग के सवालों को कटघर्रे में खड़ा कर रहा है।
ब्लॉक प्रबंधक आजीविका मिशन बैढ़न का कहना है कि काजल आजीविका मिशन स्व सहायता समूह के सदस्य फुलकुमारी का आरोप बेबुनियाद है। बैंक से ब्लैकलिस्टेड हो चुकी है। महिलाओं को बरगला कर जिला मुख्यालय बैढ़न शिकायत कराने लाई जाती है। शिकायतकर्ताओं में महिलाएं भी इस तरह का बयान दी हैं। उक्त महिला की शिकायत की जांच भी कराई जा चुकी है और आरोप कुछ भी नही साबित हुआ।