श्रीकृष्ण की लीला व श्रीराम का चरित्र समसामयिक सार्वकालिक व सार्वभौमिक

न्यूज़लाइन नेटवर्क, मुंगेली ब्यूरो
लोरमी : भगवान श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला भक्तो को आनंद तथा शिक्षा प्रदान करने वाली है वही भगवान श्रीराम का चरित्र समस्त व्यक्तियो के लिए अनुकरणीय है।योगेश्वर श्रीकृष्ण की समस्त लीलाए तथा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का प्रत्येक चरित्र समसामयिक सार्वकालिक व सार्वभौमिक है।श्रीकृष्ण ने पूतना , सकटासुर, तृणावर्त, वत्सासुर बकासुर अघासुर अरिष्टासुर केशीसुर चाणूर मुष्टिक कंस शिशुपाल दंतवक्र कालयवन जैसे आसुरी प्रवृत्तियो का विनाश कर संसार मे धर्म की स्थापना की। इनकी समस्त बाललीला माखनचोरी, चीरहरण बांसुरी वादन रासलीला समस्त भक्तो के लिए आनंद व ज्ञान वर्धक है।श्रीकृष्ण ने जल से काली फल से धेनुकासुर व थल से दुर्योधन, दुशासन, जयद्रथ, जरासंध, जैसे आततायियो का वध कर जल, फल,व थल को आतंकमुक्त करने का कार्य किया।श्रीराम की सम्पूर्ण वनयात्रा भारतीय संस्कृति सभ्यता मानवता और सनातन धर्म के सवर्धन, संरक्षण तथा उत्थान पर आधारित था। विश्व योगेश्वर श्रीकृष्ण की लीला के साथ ही साथ उनके द्वारा कुरूक्षेत्र के मैदान मे अर्जुन के माध्यम से सम्पूर्ण संसार को कर्मयोग भक्तियोग व ज्ञान योग से युक्त दी गयी भगवत गीता जैसे सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ के लिए सदैव कृतज्ञ रहेगा।यह विचार भिलाई बाजार निवासी टेकराम भूपतराम दिनेश कश्यप के घर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान लोरमी से पधारे कथावाचक आचार्य पंडित डॉक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने व्यक्त किए। इस अवसर पर रूखमणी विवाह की दिव्य झांकी का प्रदर्शन भी किया गया। उक्त कार्यक्रम मे पंडित रामखेलावन पाण्डेय, पंडित नीरज तिवारी पंडित जनार्दन दुबे शिव अग्रवाल, धनीराम कश्यप देवेंद्र,समेलाल यादव, शान्तिलाल रजवाडे जितेंद्र कश्यप राजेश कश्यप इन्द्रभान कश्यप सहित सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित थे।

Leave a Reply

error: Content is protected !!