कविता चौराहे पर साहित्य मंच का 19 वां स्थापना वर्ष व सम्मान समारोह संपन्न
हमें धर्म जाति से ऊपर उठकर राष्ट्र की कविता बनानी चाहिए – गिरीश पंकज
न्यूजलाइन नेटवर्क , मुंगेली ब्यूरो
मुंगेली : छत्तीसगढ़ के जिला मुंगेली में नगर के मध्य सिटी कोतवाली थाना के ठीक सामने 2005 से शुरू होकर अब तक व निरंतर चलने वाला अनोखा साहित्य मंच कविता चौराहे पर, जहाँ प्रत्येक सप्ताह एक कवि की समसामयिक रचना को स्थान दिया जाता है। इसकी शुरुआत कविता चौराहे पर,के संस्थापक कवि राकेश गुप्त निर्मल ने अपनी रचनाओं को प्रदर्शित करके किया जहाँ एक श्यामपट पर सेवानिवृत शिक्षक जगदीश प्रसाद देवांगन द्वारा अपने लेखन सज्जा कला से बेहद आकर्षक अक्षरों व रचना से सम्बन्धित रेखाचित्र बनाकर पटल को रोचक बना देते हैं।वर्तमान में जिले के साहित्यकार ही नहीं बल्कि प्रदेश और भारत के कोने-कोने से रचनाकारों की रचना को प्रकाशित किया जाता है।यह अपने आप में साहित्य सेवा का एक अनूठा प्रयास है। इस अनूठे कार्य को करने वाले साहित्य मंच द्वारा प्रतिवर्ष स्थापना दिवस का आयोजन किया जाता है।
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कविता चौराहे पर, साहित्य मंच का स्थापना दिवस तथा सम्मान समारोह व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। हर साल जिले के किसी एक स्थान पर यह आयोजन किया जाता है। इस वर्ष नगर के ही प्रतिष्ठित होटल पुनीत में रखा गया।जहाँ कविता चौराहे पर, साहित्य मंच का स्थापना दिवस समारोह मनाया गया।
संयोजक व संस्थापक राकेश गुप्त निर्मल ने चर्चा के दौरान यह जानकारी दी की स्थापना वर्ष का शुभारंभ मां सरस्वती वंदना व अतिथियों के स्वागत सम्मान से हुआ,इस वर्ष भी एक वरिष्ठ साहित्यकार का सम्मान किया गया है व कविता चौराहे पर, के पटल में अब तक जिन सहभागियों की कविता प्रकाशित की गई है उन कविताओं का प्रदर्शनी लगायी गई जो की साहित्य प्रेमियों के लिए एक अलग ही लगाव का स्थान रखता है बताते चलें कि इस आयोजन में मुंगेली के वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षक आचार्य रामशरण शर्मा जी को साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित कर उन्हें शाल, श्रीफल, सम्मान-पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात कार्यक्रम में सहभागिता निभाने आए समस्त आमंत्रित कवियों के द्वारा काव्य पाठ किया गया। तत्पश्चात सभी सहभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम दो चरणों में रखा गया, जिसमें प्रथम चरण में अतिथियों का स्वागत सम्मान कविता चौराहे पर साहित्य मंच के बारे में अतिथियों द्वारा वक्तव्य प्रस्तुत किया गया व आशीर्वचन प्रदान किया गया जिनमें सत्र के मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष मुंगेली शैलेश पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा साहित्यकार संवेदनशील होते हैं हमेशा दूसरों के लिए ही जीते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार बुधराम यादव बिलासपुर ने कहा कि निर्मल जी और जगदीश देवांगन जी कविता चौराहे पर के माध्यम से कविता पढ़ और पढ़ा रहे हैं, कर्म करो तो फल मिलता है आज नहीं तो कल मिलता है। जितना गहरा होता है कुआं उतना मीठा जल मिलता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद पाठक मुंगेली एवं रमेश चौहान नवागढ़ ने भी अपने आशीर्वचन में कविता चौराहे पर के कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की और ऐसे आयोजन को जारी रखना चाहिए जिससे नए रचनाकारों को प्रेरणा मिलती है।
दूसरे सत्र का शुरुआत अतिथियों के स्वागत व मां सरस्वती वंदना से हुआ। जिसमें दूर दराज से आए कवियों ने अपनी रचनाएं बारी बारी से प्रस्तुत की।काव्य गोष्ठी के बाद सभी सहभागियों को सम्मान पत्र दिया गया।
द्वितीय सत्र के अतिथियों द्वारा साहित्यकारों को मार्गदर्शन व आशीर्वचन प्रदान किया गया है जिनमें सत्र के अध्यक्ष विजय कल्याणी तिवारी बिलासपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि रचना संवेदना दया दृष्टि मांगती है तभी अच्छी रचनाएं बनती हैं। साहित्य के आयोजन को कभी संख्यात्मक दृष्टिकोण से नहीं आंकना चाहिए। आपकी पहचान दूसरे लोगों से भिन्न रहे यह आपकी जवाबदारी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरीश पंकज रायपुर वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के कवि शब्द नहीं मंच व आयोजकों को साध रहे हैं। आज कवि बहुत हैं लेकिन कविता नदारत है, हमें धर्म जाति से ऊपर उठकर राष्ट्र की कविता बनानी चाहिए।
कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि मंतराम यादव, पत्रकार व कवि संदीप तिवारी राज, अजीज रफीक, डॉ सत्यनारायण तिवारी व ए.के. यदु ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन कवि एवं पत्रकार खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने किया व द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का संचालन रामा साहू ने किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शैलेश पाठक व गिरीश पंकज रायपुर, अध्यक्ष बुधराम यादव बिलासपुर, विजय तिवारी बिलासपुर, विशिष्ट अतिथि प्रमोद पाठक,रमेश कुमार चौहान,मंतराम यादव, संदीप तिवारी,अजीज रफीक, सत्यनारायण तिवारी,ए.के.यदु, पत्रकार सुशील शुक्ला,जय कुमार ताम्रकार, स्वतंत्र तिवारी, योगेश साहू,अरविंद कुमार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन कविता चौराहे पर, साहित्य मंच के संस्थापक व संयोजक राकेश गुप्त निर्मल ने किया।
उक्त कार्यक्रम में प्रदेश के लगभग 10 जिलों के साहित्यकार सम्मिलित हुए जिनमें प्रमुख रूप से रायपुर बलौदा बाजार भाटापारा बेमेतरा कवर्धा पंडरिया लोरमी बिलासपुर तखतपुर रतनपुर नवागढ़ जांजगीर व मुंगेली तथा जिले के दूरस्थ स्थानों से कवि व कवयित्री सम्मिलित हुए।
कविता चौराहे साहित्य मंच के संस्थापक राकेश गुप्त निर्मल, सहसंयोजक जगदीश प्रसाद देवांगन, ज्वाला विष्णु प्रसाद कश्यप,मोहन उपाध्याय, रामा साहू, हेमंत कश्यप, रमेश कुलमित्र, अनंत देवांगन, रामेश्वर राव, सुदेश सोनी, खेमेश्वर पुरी गोस्वामी, अमीर चतुर्वेदी,कमल सोनी, महेंद्र यादव, रामगोपाल कश्यप का आयोजन को सफल बनाने में इनका सराहनीय योगदान रहा।