बिहार के मुजफ्फरपुर जिलाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में विशेष रूप से बाढ़ पूर्व तैयारी, सुखाड़ की तैयारी सहित सरकार की जनकल्याणकारी एवं विकासात्मक कार्याें की समीक्षा समाहरणालय सभागार में की गई तथा अधिकारियों को निर्वाचन कार्य की तरह ही आपदा की तैयारी पूरी जिम्मेदारी से अलर्ट मोड में करने का निर्देश दिया।
बाढ़ की पूर्व तैयारी की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने तटबंधों का निरीक्षण, उसका सुदृढ़ीकरण एवं सुरक्षा हेतु कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने की जानकारी प्राप्त की। इस क्रम में उन्होंने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंतागण को प्रमुख रूप से गंडक बागमती के तटबंधों का स्वयं निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त संबंधित अंचलाधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण के सहायक एवं कनीय अभियंता के साथ एक सप्ताह के भीतर भ्रमण करने तथा तटबंधों की सुरक्षा एवं सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने सरकारी एवं निजी नाव का अंचलवार निरीक्षण, निबंधन एवं एकरारनामा सुनिश्चित करने का निर्देश सभी अंचल के अंचलाधिकारी को दिया ताकि बाढ़ के समय प्रभावित क्षेत्र में नाव का समुचित उपयोग किया जा सके। इसके लिए उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को निरीक्षण एवं निबंधन कर नाव पर अंकित कराने तथा मोटरयान निरीक्षक को नाव की भार वहन क्षमता का आकलन कर अंकित करने का निर्देश दिया। साथ ही नाविकों एवं नाव के मालिक का नाम एवं नम्बर की सूची अंचलवार तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने संकटग्रस्त समूहों की पहचान करने के क्रम में गर्भवती एवं धात्री महिलाएं, बीमार एवं दिव्यांग व्यक्ति को चिन्हित कर सूची तैयार करने का निर्देश प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को दिया गया। इसके लिए पंचायत के विकास मित्र, पंचायत सचिव आदि का सहयोग प्राप्त करने को कहा। उन्होंने वर्षा मापक यंत्र का अंचलवार तैयारी करने तथा उसे कार्यरत अवस्था में तैयार रखने को कहा।
उन्होंने बाढ़ आश्रय स्थल को चिन्हित करने हेतु प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर सूची तैयार करने का निर्देश दिया। सिविल सर्जन को मानव दवा, मोबाईल मेडिकल टीम, व्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा मेडिकल कैम्प लगाने हेतु उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर सूची तैयार रखने का निर्देश दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शौचालय एवं पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पी.एच.ई.डी. के कार्यपालक अभियंता को आवश्यक तैयारी सुनिश्चित कर प्रतिवेदित करने को कहा। पशु दवा, पशु चारा, पशु आश्रय स्थल को चिन्हित कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं प्रतिवेदित करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया। महाजाल, लाईफ जैकेट, मोटरवोट, गोताखोर की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने राहत एवं बचाव दल का गठन करने, अंचल स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा अंचलाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को अपने-अपने प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारी सुनिश्चित कर रिर्पोर्ट प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया। इस क्रम में जिलाधिकारी ने जिले में सुखा की भी तैयारी रखने का निर्देश दिया ताकि समयानुसार आपदा से त्वरित रूप से निपटा जा सके। इसके लिए पी.एच.ई.डी. के कार्यपालक अभियंता को बंद पड़े चापाकल को चालू करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त किसानों की सिचांई व्यवस्था को सुदृढ़ रखने हेतु टयूवेल को चालू अवस्था में करने का निर्देश दिया।
नीलमापत्र वाद की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी को प्राथमिकता के आधार पर मामले का त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया। अंचल में दाखिल खारिज से संबंधित आवेदन पर नियमानुकूल अपेक्षित कार्रवाई करते हुए ससमय निष्पादन करने का निर्देश दिया। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने पारू के अंचलाधिकारी के कार्य को सराहनीय एवं अनुकरणीय बताया। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि पारू में माह फरवरी 2024 से 32429 आवेदन प्राप्त हुए, किन्तु अंचलाधिकारी पारू ने कुल 51920 मामले का निष्पादन किया। अपै्रल माह में 376 मामले का निष्पादन किया गया है तथा मई माह में 360 मामले का (146 प्रतिशत) निष्पादन किया गया। जिले में म्यूटेशन के मामले के निष्पादन में अब सभी अंचल 90 प्रतिशत से अधिक का प्रदर्शन करनेवाले अंचल की श्रेणी में आ गये हैं। मुरौल 97.7 प्रतिशत, पारू 96.45 प्रतिशत, कांटी 90.78 प्रतिशत, कटरा 94 प्रतिशत एवं कुढ़नी 96 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अनुमंडल पदाधिकारी को अंचल का साप्ताहिक भ्रमण करने तथा समीक्षा कर शत-प्रतिशत निष्पादन कराने का निर्देश दिया।
आवास योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को योजना की नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा कर प्रगति लाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों का फोन उठाने, आगंतुकों से कार्यालय में अवश्य मिलने, मुख्यालय में बने रहने, लोक शिकायत निवारण के मामले का निष्पादन करने, अंचलाधिकारी को शनिवार को भूमि विवाद की सुनवाई करने आदि का जबावदेही से निष्पादन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
बैठक में उप विकास आयुक्त श्री आशुतोष द्विवेदी, अपर समाहर्ता राजस्व श्री संजीव कुमार, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन श्री मनोज कुमार, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था श्री सुधीर कुमार सिन्हा सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण तथा सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी उपस्थित थें।
रिर्पोट: बिहार संवाददाता