कवि विजय कुमार कोसले की पढ़े प्रेम प्रसंग में दिलचस्प कविता : शीर्षक – आशिक है सदियों पुराने

…. कवि विजय कुमार कोसले की पढ़े प्रेम प्रसंग में दिलचस्प कविता :: शीर्षक – आशिक है सदियों पुराने।

आशिक है सदियों पुराने

~उनके हम सच्चा आशिक है
बीते कई सदियों पुराने,
हर घड़ी नयन देखें है सपना
बस एक उसके सुहाने।

~आती है रात को हर रोज़
बस वो मेरी ख्वाबों में,
सोया हुआ था गोद में उनकी
एक फुल की बागों में।

~पहली नजर में बनाए बैठी है
अधिकार दिल में अपने,
बस वो ही तो कर सकती है
पुरा मेरे जीवन के सपने।

~खो तो नहीं गया वो संगत में
कहीं अमीर पैसा वालों का,
इसलिए तो आते नहीं याद उसे
हम दोनों के गुजरे पलों का।

~कई अर्से से नहीं हो रही क्यों
जाने उनसे एक मुलाकात,
शायद रब ने भी नहीं बनाई है
हमारे मिलने की हालात।

~करते रहते हैं ईश्वर से रोज
लाखों मन्नतें और प्रार्थना,
फिर भी नहीं स्वीकार रही रब
दिल की हमारी आराधना।

~कास1बार उसकी हो जाती
भोली सुंदर सुरत दर्शन,
सच में कर देते हम उस पर
अपनी हर खुशियां अर्पन।

लेखक/कवि/गीतकार,
विजय कुमार कोसले
मु. – नाचनपाली
पो. – लेन्ध्रा छोटे
सारंगढ़, छत्तीसगढ़ ।
मो. – 6267875476

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