
न्यूजलाइन नेटवर्क , डेस्क ब्यूरो
दिल्ली : साहित्य संगम संस्थान के वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम गूगल मीट पर ऑनलाइन पाँच जुलाई 2024 को आयोजित किया गया।संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित को ओमप्रकाश मिश्र मधुव्रत ने बताया कि कार्यक्रम साहित्य संगम संस्थान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह मंत्र के कुशल नेतृत्व में प्रारंभ होता है। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष – आ० रामावतार बिंजराजका ‘निश्छल’ , सारस्वत अतिथि आ० ब्रजमोहन लांबा जी, लंदन से। देव अतिथि – आ० जगदीश गोकलानी “जग ग्वालियरी” जी, सम्मानित अतिथि आ० कमल किशोर दुबे जी , विशिष्ट अतिथि आ० प्रमोद पाण्डेय जी,, मुख्य अतिथि आ० प्रशांत करण जी रहे।
कार्यक्रम का संचालन- डॉ राजीव रंजन मिश्र जी ने अध्यक्षीय अनुमति की औपचारिकता से प्रारंभ किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आदरणीय ओम प्रकाश मधुब्रत के शंखनाद से प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात स्वस्ति वाचन आ० दिनेश मिश्र द्वारा किया गया।आ० लवकुश तिवारी माधवपुरी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।इसके उपरांत आ० वेद स्मृति कृती ने गुरु वंदना प्रस्तुत की।अथनंतर आ० नरेश द्विवेदी जी ने गणेश वंदना की। अतिथियों का स्वागत आदरणीया सरोज शुक्ला जी ने किया।
इसके उपरांत कार्यक्रम का उद्देश्य कथन व साहित्य संगम संस्थान की उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हुए आ० नंदिता माजी शर्मा ने संगम के उल्लेखनीय उपलब्धियां प्रस्तुत कीं।
अथनंतर केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने अपने उद्बोधन में संगम के विविध इकाइयों एवं शालाओं में चल रहे अभूतपूर्व हिंदी सेवाओं का निदर्शन कराया।
कार्यक्रम में उपस्थित संगम के अनेक साहित्यकारों ने अपनी शुभकामनाएं काव्य प्रस्तुतियां दी। जिनमें प्रमुख हैं डॉ सरोज सिंह, मनोज चंद्रवंशी, रंजना बिनानी काव्या और अभ्यागत आ० श्रीकांत तैलंग जी आदरणीय राम प्रकाश अवस्थी रूह जी और अनेकानेक विद्वानों एवं विदुषियों ने कार्यक्रम में अपनी अमूल्य प्रस्तुतियां दीं।
संगम के उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी आदरणीय राजेश शर्मा पुरोहित ने अपनी काव्यात्मक प्रस्तुति शुभकामनाएं देने के साथ यह भी अवगत कराया कि संगम की किसी भी इकाई और शाला में यदि कोई भी समाचार प्रकाशन कराना चाहें तो आपसे संपर्क करें और मीडिया के लिए सभी इकाइयों और जनपदों में भी इसकी शुरुआत करने का प्रस्ताव भी रखा।
संगम के अनेकानेक विशिष्ट साहित्यकार जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भी जुडे़ रहे उन सभी का नामोल्लेख यहां संभव नहीं है। सभी ने लाइक शेयर और कमेंट भी किया।
इसके बाद एक एक कर सभी सम्मानित आमंत्रित अतिथियों ने अपने उद्बोधन में संगम के प्रति अपनी हार्दिक शुभकामनाएं और महनीय हिंदी सेवा के लक्ष्य को रेखांकित किया।
इस अवसर अनेक साहित्यकारों ने देश और विदेश से आकर गौरव बढ़ाया।सारस्वत अतिथि आ० ब्रजमोहन लांबा जी, लंदन से कार्यक्रम में पधारे और साहित्य संगम संस्थान की सराहना की।आ० राजन लीब्रा जी ने अपने वक्तव्य द्वारा साहित्य संगम संस्थान की सराहना की।
कार्यक्रम अध्यक्ष आ० रामावतार बिंजराजका ‘निश्छल’ जी ने अपने उद्बोधन में साहित्य संगम संस्थान के वार्षिकोत्सव की सराहना की और बताया कि यह एक ऐसा संस्थान है जो निरंतर हिंदी की सेवा में संलग्न है।
इसके उपरांत डॉ ओम प्रकाश मधुब्रत जी ने आचार्य भानु प्रताप वेदालंकार के जन्मदिन में व्यस्तता के कारण उनकी तरफ से दो महान विभूतियों आ० राजन लीब्रा और आ० ब्रजमोहन लांबा लंदन को विद्या वाचस्पति मानद उपाधि प्रदान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राज वीर सिंह मंत्र जी ने संगम के वार्षिकोत्सव पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पधारे हुए समस्त अतिथियों और हिंदी की सेवा के लिए सभी साहित्यकारों के द्वारा किये जा रहे विविध प्रयासों की सराहना की और सभी को शुभकामनाएं एवं बधाई दिया। आदरणीय राम प्रकाश अवस्थी रूह जी को संगम वारिध सम्मान से सम्मानित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मंत्र जी ने यह भी बताया कि यह संगम का सर्वोच्च सम्मान प्रतिवर्ष एक ही ऐसे समर्पित एवं सेवानिष्ठ साहित्यकार को प्रदान किया जाता रहेगा जो सर्वसम्मति से निर्णीत होगा। इसी के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संगम के 113 साहित्यकारों को विविध सम्मानों से सम्मानित किया– जिनमें अतिविशिष्ट सेवाओं के लिए संगमश्री, विशिष्ट सेवाओं के लिए साहित्यश्री और विविध पटलों पर सक्रियता के लिए काव्यश्री सम्मान प्रदान किये।
अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने शांति पाठ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ औपचारिक समापन की घोषणा की।
आज इस तरह संगम का वार्षिकोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसके लिए विगत एक सप्ताह पहले से ही तैयारियां चल रही थीं।
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजवीर सिंह मंत्र का कुशल निर्देशन हमारी पूरी की पूरी सफलता का मूल रहस्य है।
आयोजन समित में हम सभी ने मिलजुल कर जो भी कार्य एवं दायित्व हमें सौंपा गया भली-भांति सभी ने अपने अपने उत्तरदायित्व पूरे किए।
सभी प्रकार के सम्मान के लिए प्रस्तावित नामों के आधार पर और प्रणेता पटल और साहित्य संगम संस्थान पटल तथा सभी इकाइयों और शालाओं से सक्रिय सदस्यों को खोजकर और कुछ प्रस्तावित नामों के आधार पर अतिविशिष्ट, विशिष्ट और सक्रियता सम्मानों की सूची बनाई गयी।
सभी प्रकार के प्रमाणपत्रों का प्रारूप बनाना और आमंत्रण पत्र तैयार करना और उसे सामूहिक और व्यक्तिगत तौर पर प्रेषित करना हर एक पटल हर फेसबुक पटल तक सूचनाएं प्रसारित करना इन सभी कार्यो में और पूरा प्रमाण पत्र तैयार करने में हमारी टीम में विशेष सहयोग देने वाले आदरणीय राजीव रंजन मिश्र जी, अनुज नवीन कुमार नीर भट्ट जी, आदरणीया सरोज शुक्ला दीदी और आ० प्रीती द्विवेदी जी ने जो सहयोग प्रदान किया वह प्रशंसनीय है। सभी बधाई के पात्र हैं। विशेष रुप से दिन रात एक करके हमारे साथ संलग्न रहे एडवोकेट डॉ राजीव रंजन मिश्र जी धन्यवाद के पात्र हैं।
विविध इकाइयों और शालाओं के जिन प्रणेताओं और सदस्यों ने नाम प्रस्तावित करने में सहयोग दिया , वे सभी बधाई के पात्र हैं।
साहित्य संगम संस्थान की विविध इकाइयों और शालाओं में लाइव होकर पूर्व संध्या पर हमारे अनेकानेक साहित्यकारों विद्वानों एवं विदुषियों प्रणेताओं और अधीक्षकगण तथा संगम से सम्मानित सदस्यगण अपनी प्रस्तुतियां दे रहे थे। तमाम लोग उनको लाइक कमेन्ट और शेयर किये।
अंत में मैं प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े उन सभी लोगों का आभार प्रकट करता हूॅं जिनका नामोल्लेख इस संक्षिप्त रिपोर्ट मे कर पाना सम्भव नहीं है।