“असली साजिश: सरकारी लापरवाही से अनाज की बर्बादी, 80 करोड़ लोगों की भूख का दर्द कौन समझेगा?”

गाजियाबाद ब्यूरो-चीफ सागर। अनाज के स्टॉक बर्बादी की ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये तो सिर्फ एक दृश्य मात्र है देश में जहाँ-जहाँ सरकारी अनाज का भंडारण है उस हर जगह के आंकड़े न्यूजलाइन की टीम ने जुटाने के पूरे प्रयास किये हैं जिसके माध्यम से हम आपके सामने सारा षड्यंत्र खोलने का प्रयास करेंगे। किस तरह देश के अनाज-भंडारण को बर्बाद किया जाता है तस्वीरें खुद गवाही दे रही हैं कि कितनी लापरवाही से देश के अनाज भंडारण को बर्बाद करने के लिए छोड़ दिया गया है। ये उस देश का हाल है जहाँ 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज मुफ्त मे देने का दावा किया जाता है। 
अब आंकड़े देखें हरियाणा के 4 जिलों में लापरवाही के कारण 82 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का गेहूं स्टॉक नष्ट हो गया।
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) ने उस मामले की जांच के आदेश दिए हैं जिसमें सरकारी कर्मचारियों की देखभाल की कमी के कारण 82 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गेहूं के स्टॉक नष्ट हो गए थे। इसके अलावा सरकारी खाद्य स्टॉक से भारी मात्रा में गेहूं गायब पाया गया था। पिछले कुछ वर्षों में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के गोदाम, विशेष रूप से राज्य के चार जिलों में- करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल और ।

जानकारी से यह भी पता चला है कि करीब 369 बी गेहूं गायब हो गया है।

 वर्ष 2022 के दौरान कर्मचारियों की देखरेख की कमी के कारण करनाल जिले के गोदामों से लगभग 12.67 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 6587 मीट्रिक टन गेहूं नष्ट हो गया, जिसमें 46.71 करोड़ रुपये मूल्य का 24264 मीट्रिक टन गेहूं नष्ट हो गया। कुरूक्षेत्र जिले में, फतेहाबाद में 41.58 लाख रुपये मूल्य का 216 मीट्रिक टन गेहूं का स्टॉक और कैथल जिले में 22.70 करोड़ रुपये मूल्य का 11795 मीट्रिक टन गेहूं स्टॉक देखभाल के अभाव में भंडारण गोदामों में नष्ट हो गया। जानकारी के अनुसार लाखों टन गेहूं सिर्फ इसलिए बारिश मे भीगने के लिए छोड़ दिया जाता है जिस से कि वो भीग कर खाने लायक ना रहे, और बियर बनाने वाली कम्पनीयों को औने-पौने रेटों पर बेच दिया जाए ऐसी अन्य घटनाएं भी हैं जिनमें गेहूं के स्टॉक को नष्ट कर दिया गया। कुंजपुरा में गोदाम की छत में पानी के रिसाव के कारण 7 से 8 लाख के बीच मूल्य का 300 क्विंटल गेहूं भीग गया और सवाल यह है कि गेहूं से भरे 1,15,000 बैग क्यों रखे गए थे?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) जैसे संगठनों की रिपोर्टें के अनुसार, भारत में लगभग 189.2 मिलियन लोग, या लगभग 14% आबादी, कुपोषित हैं। (FAO) और (GHI) के श्रोतों द्वारा दी गयी जानकारी थोड़ा भिन्न हो सकती है लेकिन प्रश्न तो ये है कि अगर देश कि कुछ आबादी अभी भी कुपोषण का शिकार है और जो अनाज उसके पेट में जाना चाहिए उसकी ऐसी बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन ? ऐसे जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्यवाही भी संभव है या नहीं ?

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