भ्रस्टाचार में लिप्त रोजगार सेवक के विरुद्ध ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान संग की  पंचायत भवन पर खुली बैठक।

संवाददाता राजन जायसवाल कोन।

कोन- विकासखंड – कोन अंतर्गत ग्राम पंचायत मिटिहिनिया के पंचायत भवन पर ग्रामीणों की बैठक में गांव के विकास व भ्रस्टाचार की चर्चा पर सवाल खड़े हुए। जिसमें ग्रामीणों ने जाम कर विरोध किया।

आज शुक्रवार दिनांक 19 जुलाई 2024 को मिटिहिनिया ग्राम पंचायत के पंचायत भवन पर बैठक में ग्रामीणों की उपस्थिति रही वही ग्रामीणों ने गांव में हो रहें भ्रस्टाचार पर जाम कर विरोध किया। ग्राम पंचायत मिटिहिनिया के रोजगार सेवक द्वारा मजदूरों के साथ किये जा रहे घिनौना कृत से तंग आकर जांच की मांग की वही ग्रामीणों ने कहा कि जिन मजदूरों का भुगतान कार्य करने के बाद भी नही हुआ वहीँ बिना काम किए व्यक्तियों के बैंक खाते में हजारों रुपये निजी स्वार्थ में कैसे जा रहा है। गांव में कोई मजदूरी करके भुगतान के लिए वर्षों से इंतजार में है वही वगैर काम किये व्यक्ति रंगरलिया मना रहे है। और जिम्मेदार अधिकारी रोजगार सेवक को बचाने में फुले नही समा रहे।

ग्राम पंचायत मिटिहिनिया में कुछ ऐसे भी लोग है जो फर्जीवाड़ा का जीता जागता मिशाल बने हुए है। गांव में आशा के पद पर कार्य कर रही महिला गांव में कभी किसी के साथ नही बैठती और फर्जी बैठक की कार्यवाही तैयार कर ग्राम प्रधान से आदेशित कराती रही। वही शिकायत पर ग्राम प्रधान ने आशा की करतूतों का पर्दाफाश किया।

गांव में हो रहे भ्रस्टाचार के सम्बंध में ग्राम प्रधान अजय कुमार ने बताया कि कुछ ऐसे लोग है जो पूर्व पंचायत के समय से ही लूट घासोट करते चले आ रहे है। जिसमें कुछ जिम्मेदार अधिकारी का सह मिला हुआ है। ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव में मनरेगा के कार्यों में घोर अनियमितता देखने को मिला , जिस मजदूर ने काम नही किया उनके बैंक खाते में हजारों से लाखों रुपये डाले गए। वही जिन मजदूरों ने अपना खून पसीना बहाया वह आज भी अपनी मजदूरी के लिए दर – दर भटक रहे हैं। ग्राम रोजगार सेवक प्रफुल्ल कुमार पुत्र राम गोविंद ने अपनी पत्नी प्रियंका देवी के खाते में 20400 रुपये फर्जी तरीके से डाल दिया वही केयर टेकर जो रोजगार सेवक की अपनी चाची है जिनके खाते में लगभग 40 हाजार से ज्यादा बैंक खाते में डाले गए। जबकि किसी ने कोई गांव के विकास कार्यों में काम नही किया है। ऐसे बहुत से कार्यों में रोजगार सेवक द्वारा फर्जी किया गया है। जिसकी धनराशि अनुमानित 20 लाख से ज्यादा है। जिसकी शिकायत उच्चाधिकरियों को लिखत किया गया है। इस सम्बंध में जांच समयानुसार नही की जाती है तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।

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