अनुभव गंगवार,
फर्रुखाबाद : शमसाबाद शासन की लाख सख्ती के बावजूद मनरेगा में होने वाला गोलमाल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिम्मेदारों की मिलीभगत से ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर खुली लूट मची हुई है। 14वां राज्यवित्त हो, चाहे मनरेगा का कार्य यदि ईमानदारी से जांच हो तो बड़े-बड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। ऐसा ही मामला विकास खंड शमसाबाद की ग्राम पंचायत , नगला कलार चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां
गांव में मनरेगा योजना के तहत मोरपाल के ट्यूबवेल से रेलवे स्टेशन तक मिट्टी, कार्य मास्टर रोल 11116 दो लेबर से कार्य कराया जा रहा है वहीं आठ लेबरों की फर्जी अटेंडेंस डाली जा रही है भुगतान मनरेगा योजना से किया जाएगा।मामले में तकनीकी सहायक ने नियमों को दरकिनार कर बिल्कुल गलत तरीके से वित्तीय अनुमति दी है। ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा से किए गए भुगतान के सभी कार्यो की जांच उच्चाधिकारियों से की गई तो त्रिस्तरीय कमेटी सहित विकास खंड के तकनीकी सहायक कई कर्मचारियों और अधिकारियों पर गाज गिरनी तय हैं।