आरक्षण की आग की तपिश से पंडरिया में पसरा सन्नाटा

हजारों एससी, एसटी लोगो ने अपने मांगो को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपा ज्ञापन

पंडरिया : ज्ञात हो कि पूर्व में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 1अगस्त 2024 को एससी, एसटी लोगो के आरक्षण पर कोटे पे कोटा ओबीसी वर्ग के तर्ज में क्रीमीलेयर का जो फैसला दिया था जिससे एससी/एसटी के लोग आहत होकर इस फैसले के विरोध में राष्ट्रीय एससी, एसटी के तमाम संगठनों के देश व्यापी भारत बंद के आह्वान पर आज 21/08/2024 को पंडरिया नगर बंद रहा इस पंडरिया बंद को सभी व्यापारी भाईयो का सहयोग रहा एवं कोई हताहत नहीं यह पंडरिया बंद पूर्णता शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और यह भारत बंद का असर सभी छोटे बड़े शहरों के साथ छत्तीसगढ़ में भी इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला। इस बंद का उद्देश्य एससी/एसटी समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करना था ।

आज का यह पंडरिया नगर बंद करके अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के माध्यम से मांग पत्र/ज्ञापन प्रस्तुत कर देश के करोड़ों वंचित जनो की समस्याओं से अवगत करा विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने प्रार्थना पत्र दिया गया।

इनकी प्रमुख मांगे..

  1. सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश को लागू करने से रोकने के लिए राज्य सरकारों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  2. संसद का विशेष सत्र बुलाकर अध्यादेश पास कराएं और उक्त आदेश को पलटा जाए।
  3. सुप्रीम कोर्ट में में वर्षों से लागू आरक्षण (कॉलेजियम व्यवस्था को समाप्त किया जाए।
  4. वर्षों से केन्द्र व राज्य में खाली पड़े अनुसूचित जाति/जनजाति के बैकलाग पदों को तत्काल भरा जाए। 5. आरक्षण व्यवस्था को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालकर सुरक्षित किया जाए।
  5. छ.ग.राज्य की जिला बलौदा बाजार की अमरगुफा स्थापित जय स्तम्भ को किये तोड़ फोड़ की सी.बी.आई. जांच कराई जाए।
  6. छ. ग.राज्य की जिला बलौदा बाजार में हुए आगजनी में हमारे 200 से ज्यादा बेगुनाह भाइयों को दोषमुक्त कर निः शर्त रिहा किया जाए।

इस पंडरिया बंद के मौके पर सामुदायिक भवन में विचार संगोष्ठी के दौरान विभिन्न संगठनों और दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की।
बंद के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ कुछ हिस्सों में लाठी चार्ज भी हुई और एससी, एसटी समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए।
वहीं बाइक रैली निकाल जन संदेश देने के बाद पंडरिया स्थित सामुदायिक भवन पंडरिया में सभागार कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां पर एसटी समुदाय के भुवन लाल सिंदराम ने इस तरह की आरक्षण पर आरक्षण कानून का आलोचना करते हुए कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ किए जाने पर सरकार को चेतवानी दी इस तरह के एसटी समुदाय के साथ खिलवाड़ करना आरक्षण को लेकर बंद करे नहीं तो भविष्य में इसका अंजाम सही नहीं होगा।
वहीं एससी समुदाय के अधिवक्ता,चंद्रभान कोशले ने कहा कि क्रिमिलेयर् कानून की साजिश आरक्षण को खत्म करने की साजिश है इस लिए एससी,एसटी के लोगो को इस बात को समझने की कोशिश करना होगा।
एक जाति विशेष के द्वारा इस तरह की कानून पारित करने की सिपारिसे लगातार की जा रही है, लेकिन संविधान के ऊपर आंख उठाकर बुरी नियत से देखने वाले अपने खैरियत के बारे में सोचें । पंडरिया सतनामी समाज के अध्यक्ष भागवत डाहीरे ने कहा कि संविधान को बे वजह बदलने के लिए बेवजह किन्ही समुदाय व संगठन के द्वारा एससी, एसटी के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है इस तरह का कृत्य करने के लिए सरकार को चेतावनी दी।
सामुदायिक भवन में उपस्थित अनेकों जन प्रतिनिधि, शासकीय कर्मचारी व एससी, एसटी के सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने अपने ढंग से समाज के उन्नति, विकास, रक्षा और जीवन जीने हेतु भारतीय संविधान से मिली अधिकारों की जानकारी दी गई।
इस पंडरिया बंद के साथ ही एससी/एसटी समुदाय के लोगों ने भविष्य में भी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की बात कही।

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