“कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुई बर्बरता: जब आरोपी कोर्ट में फूट-फूट कर रोने लगा, पढ़ें पूरी कहानी!”

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात एक ऐसी भयावह घटना घटी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस घृणित अपराध के बाद, जब मुख्य आरोपी संजय रॉय को अदालत में पेश किया गया, तो उसने अपने पापों का बोझ महसूस करते हुए जज के सामने रोना शुरू कर दिया। वही व्यक्ति, जिसकी आंखों में उस रात की हैवानियत का सुरूर सवार था, अब अपनी निर्दोषता की दुहाई देने लगा।

आरोपी का कोर्ट में बर्ताव और पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग

23 अगस्त 2024 को सीबीआई ने संजय रॉय को कोलकाता की एक अदालत में पेश किया। इस सुनवाई के दौरान संजय रॉय ने अपने आंसुओं से अदालत का ध्यान खींचने की कोशिश की, लेकिन सीबीआई द्वारा उसे कठोर सवालों का सामना करना पड़ा। सीबीआई ने अदालत से अनुरोध किया कि संजय रॉय और अन्य संदिग्धों का पॉलीग्राफ (लाई डिटेक्टर) टेस्ट कराया जाए।

दरअसल, पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अदालत और आरोपी की सहमति अनिवार्य होती है। इसे देखते हुए संजय रॉय को अदालत में लाया गया था, जहां उसने खुद को निर्दोष बताते हुए अपने किए से मुकरने की कोशिश की। लेकिन न्यायाधीश ने उसकी बातों पर कोई विश्वास नहीं किया। सूत्रों के अनुसार, जेल में रहते हुए संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया गया, जिसमें सीबीआई ने उससे कठोरता से पूछताछ की।

अस्पताल में भ्रष्टाचार की जांच और सीबीआई की कार्रवाई

जिस अस्पताल में यह अपराध हुआ, वहां पहले से ही भ्रष्टाचार की कई शिकायतें थीं। अब, इस घटना के बाद, भ्रष्टाचार की जांच भी तेज हो गई है। सीबीआई ने एसआईटी से सारे संबंधित दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं, जो कि इस मामले की तह तक जाने के लिए आवश्यक थे। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की पूरी जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी है, ताकि निष्पक्ष और सटीक जांच हो सके।

सीबीआई की टीम ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी पूछताछ की। घोष के खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं, और उन्हें लेकर सीबीआई ने एक लंबी सवालों की सूची तैयार की थी। इसके अलावा, सीबीआई ने घोष और चार अन्य डॉक्टरों के पॉलीग्राफ टेस्ट की भी अनुमति मांगी, जिसे 22 अगस्त 2024 को अदालत द्वारा मंजूरी दी गई।

सीबीआई की जांच और 14 दिन की न्यायिक हिरासत

23 अगस्त 2024 को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस समय, सीबीआई की टीम इस केस की हर पहलू से जांच कर रही है। अब तक, सीबीआई ने इस मामले में 73 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीबीआई किसी भी प्रकार की चूक नहीं करना चाहती, और इसीलिए सभी संदिग्धों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मांग की गई थी।

घटना का ब्योरा और देशभर में आक्रोश

इस घटना का विस्तार से विवरण देना जरूरी है, ताकि समझा जा सके कि कैसे यह अपराध हुआ। 8-9 अगस्त की रात, कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म किया गया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना अस्पताल के सेमिनार हॉल में हुई, जहां अगले दिन, 9 अगस्त को, महिला डॉक्टर का शव पाया गया।

घटना की खबर मिलते ही पूरे देश में आक्रोश फैल गया। लोग सड़कों पर उतर आए, न्याय की मांग करने लगे। इस भयावह घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने सक्रियता दिखाई और अगले ही दिन, 10 अगस्त को, संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया।

समाज में बढ़ते अपराध और न्याय की उम्मीद

इस घटना ने फिर से समाज में बढ़ते अपराध और न्याय की कमी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर लोग इस घृणित अपराध के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, अदालत और सीबीआई की भूमिका को भी कसौटी पर रखा जा रहा है। क्या न्याय मिलेगा? क्या दोषियों को सजा मिलेगी? यह सवाल अब हर किसी के मन में है।

इस पूरे मामले की जांच अभी भी जारी है, और न्याय के लिए लोगों की उम्मीदें बंधी हुई हैं। अब देखना यह है कि सीबीआई और अदालत इस मामले में कैसे और कब न्याय दिलाते हैं।

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