प्रसूताओं को 48 घंटे के भीतर जननी सुरक्षा योजना में कराया जाए लाभान्वित, आशाओं के मानदेय के भुगतान में न हो विलंब- अंजनी कुमार।
स्टेट हेड मनोज कुमार शर्मा
मैनपुरी : आशा, ए.एन.एम. गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, जांच के दौरान बी.एच.एन.डी. सत्र पर ही उनकी बैंक डिटेल प्राप्त कर एम.सी.डी. कार्ड पर अंकित करना सुनिश्चित करें ताकि उन्हें प्रसव के तत्काल बाद जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिल सके, आशा, संगिनी के भुगतान में भी किसी भी स्तर पर विलंब न हो, सुनिश्चित किया जाए। सभी प्र. चिकित्साधिकारी संस्थागत प्रसव के लक्ष्यों की पूर्ति करें, आशा, संगिनी, ए.एन.एम. के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, उनके परिजनों को संस्थागत प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाए, किसी भी दशा में घरेलू प्रसव न हो, प्रसुताओं को नाश्ता, दोपहर, शाम का खाना गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराया जाए, डिस्चार्ज के बाद 102 एंबुलेंस से प्रसूताओं को उनके घर पहुंचाया जाए, परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत महिला-पुरुष नसबंदी के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कैंप आयोजित कराये जाएं, आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर सी.एच.ओ. उपस्थित रहकर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें, सभी स्वास्थ्य केन्द्रो पर आने वाले मरीजों के लिए मूल-भूत सुविधाएं उपलब्ध रहें, पर्याप्त मात्रा में दावाओं के साथ जांच की सुविधा मरीज को मिले, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित रहकर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें, इम्पैनल्ड चिकित्सालयों में गोल्डन कार्ड धारकों को सुविधा मुहैया कराई जाए।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करने पर पाया कि वार्षिक लक्ष्य 23929 के सापेक्ष माह सितम्बर तक 10021 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं, जिसमें से 9734 प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना में लाभान्वित किया जा चुका है, संस्थागत प्रसव में स्वास्थ्य केन्द्र करहल, बेवर, कुचेला, घिरोर की प्रगति ठीक नहीं है। उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण में स्वास्थ्य केंद्र कुरावली, बेवर, सुल्तानगंज, किशनी, करहल की प्रगति निराशाजनक है, संबंधित प्र. चिकित्साधिकारी नियमित टीकाकरण की प्रगति सुधारें, निर्धारित दिवसों पर बीएचएनडी सत्र आयोजित कर लक्षित बच्चों को सभी टीके लगाकर उन्हें प्रतिरक्षित किया जाए। उन्होंने 108 इमरजेंसी मेडिकल ट्रांसपोर्ट सर्विस एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम आगरा मंडल में सबसे खराब पाए जाने पर को-ऑर्डिनेटर को हिदायत देते हुए कहा कि इस माह में इसे सुधारा जाए, जरूरतमंद व्यक्ति तक जल्द से जल्द एम्बुलेंस पहुंचे।
उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र, राष्ट्रीय अन्धता नियंत्रण कार्यक्रम, पी.सी.पी.एन.डी.टी., क्षय रोग उन्मूलन, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि की बिंदुवार गहन समीक्षा करते हुये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि आमजन की सेहत के प्रति संवेदनशील रहें, स्वास्थ्य विभाग की संचालित योजनाओं के साथ-साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी नेहा बंधु, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.सी. गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी यतेंद्र कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दीपिका गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी हरिओम बाजपेयी, मुख्य चिकित्साधीक्षक मदनलाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल वर्मा, डा. बिजेन्द्र सिंह, डा. राकेश कुमार, डब्ल्यू.एच.ओ. से डॉ. वी.पी. सिंह, यूनिसेफ से संजीव पांडेय, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आशुतोष, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी रविंद्र सिंह गौर, डी.पी.एम. संजीव पांडेय, समस्त प्र. चिकित्साधिकारी के अलावा आई.एम.ए. के प्रतिनिधि डॉ. संजय अग्रवाल, एनजीओ से आराधना गुप्ता सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।