सिविक सेन्टर के निर्माण भुगतान को लेकर आयुक्त ने रखा पक्ष, सोमवार तक के लिए बैठक स्थगित।

ब्यूरो रिपोर्ट सिंगरौली।

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। सिविक सेन्टर निर्माण, शहरवासियों को आवश्यकतानुसार अंत्योष्टि के लिए जलाऊ लकड़ी उपलब्ध कराने तथा प्रतिमा स्थापना का मामला परिषद की बैठक में क्यो नही आया ?इस तरह का सवाल शुक्रवार को नगर पालिक निगम के सभागार में परिषद अध्यक्ष देवेश पाण्डेय के अध्यक्षता, सदर विधायक रामनिवास शाह एवं आयुक्त डी. के. शर्मा के उपस्थिति के दौरान महापौर रानी अग्रवाल ने उठाया। जहां आयुक्त ने तीनों प्रश्नों का नियम कानून एवं नगरीय के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बताया।

आयुक्त ने परिषद को बताया कि सिविक सेन्टर का निर्माण कार्य चल रहा है। डीएमएफ फण्ड से एक भी रकम नही मिली है। संविदाकार ने भुगतान के लिए बिल प्रस्तुत किया था। जहां लेखाशाखा से जानकारी मांगी गई थी कि भुगतान किस मद से किया जाये। सुझाव आया कि डीएमएफ फण्ड से ही भुगतान हो। मामला 59 करोड़़ रूपये का है। डीएमएफ फण्ड से अभी तक राशि नही मिली है। यदि भुगतान के लिए नगर निगम मद से अनुमति मिल जाये तो इसमें कोई वैधानिक आपत्ति नही है। इसे भुगतान किया जा सकता है। सुझाव था कि पहले दुकानों का निर्माण हो। ताकि उसकी निलामी से ननि की आय हो सकती है। प्रावधानों के अनुसार ही परिषद की बैठके हो रही है। वही पार्षद भारतेन्दु पाण्डेय ने मेयर को घेरते हुये तीखा हमला किया और कहा कि नगर निगम के विकास कार्यो में गतिरोध उत्पन्न न करे और सिविक सेन्टर को महापौर अपनी योजना न बताये। पार्षद संतोष शाह ने भी मेयर को घेरा और कहा कि पिंक टॉयलेट करोड़ों रूपये के लागत से बने हैं। वह किस हालत में है। सब को पता है। उधर एमआईसी सदस्य खुर्शीद आलम ने मेयर का बचाव किया। पार्षद अनिल बैस ने महापौर के सुर में सुर मिलाया। परिषद अध्यक्ष ने परिषद के अधिकार के बारे में नसीहत देते हुये कहा कि 26 सितम्बर को परिषद की बैठक बुलाने के लिए पार्षदो ने पत्र लिखा था। जबकि 2 माह में एक बार बैठक जरूरी है।

पार्षद अखिलेश सिंह, सीमा जायसवाल ने ननि के विकास कार्यो संबंधित नस्तियों को लटकाने एवं भटकाने का मुद्दा उठाया और कहा कि फाईलें अधिकांश इस टेबल से उस टेबल तक भटकती रहती हैं और परिणाम कुछ नही निकलता। पार्षद बंतोकौर ने पिंक टॉयलेटो की जांच के लिए पार्षदों की कमेटी बनाने का मुद्दा उठाया। अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि इसके लिए टीम गठित करें। वही वार्ड क्रमांक 42 के पार्षद संतोष शाह ने कॉन्वेंट एलआईजी-देवरा मार्ग व बिलौंजी चौराहा से अतिक्रमण हटाने का मुद्दा उठाया। आयुक्त ने 15 दिन के अन्दर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया। बैठक में एमआईसी सदस्यों के अलावा उपायुक्त आरपी बैस, कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय सहित पार्षद व ननि के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

सिवरेज एवं साफ-सफाई का उठा मुद्दा:- बैठक में सिवरेज एवं साफ-सफाई का मुद्दा पार्षदों ने जोर-शोर से उठाया। पार्षद भारतेन्दु पाण्डेय ने कहा कि एनसीएल बाउंड्री की किनारे की सड़क को सिवरेज ठेकेदार ने तहस-नहस कर दिया है। सड़क में पैदल चलना भी मुश्किल है। ठेकेदार निर्धारित प्राकलन एवं शर्तों के अनुसार कार्य नही करा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग करने की सख्त जरूरत है। वही वार्ड क्रमांक 29, 23, 19 समेत अन्य पार्षदों ने नालियों की साफ-सफाई न होने का मुद्दा उठाया। उधर पार्षद अनिल बैस ने कोटेशन टेन्डर का मसला उठाते हुये सवाल किया। जहां आयुक्त डीके शर्मा ने इस बारे में विस्तार से बताया और कोटेशन संबंधित शर्तो से अवगत कराया और कहा कि किसी के साथ भेदभाव नही होगा। वही विधायक ने कहा कि जहां हैंडपंप की विशेष जरूरत हो। वहां के लिए सौ-डेढ़ सौ हैंडपंपों के उत्खनन कराने का प्रस्ताव दें। यह कार्य डीएमएफ फण्ड से होगा।

विधायक देंगे नल कनेक्शन के साढ़े चार लाख रूपये:- पार्षद प्रेमसागर मिश्रा सहित अन्य पार्षदों ने मुद्दा उठाया कि कुछ ऐसे गरीब परिवार हैं जो नल कनेक्शन के लिए भुगतान करने सक्षम नही हैं।विधायक रामनिवास शाह ने कहा कि गरीब तपके के लोगों को शुद्ध पानी मिले। प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की यही मंशा है। ऐसे गरीब परिवारजनों को नल कनेक्शन मिले उसके लिए विधायक फण्ड से साढ़े चार लाख रूपये देंगे। यह रकम अगले वित्तीय वर्ष में दी जावेगी।

वही विधायक ने कहा कि कई विस्थापितो को प्लाट नही मिला है। यह गंभीर समस्या है। इसके लिए नगर निगम एक तिथि तय करे। जिसमें कलेक्टर व एनसीएल-एनटीपीसी के अधिकारी मौजूद रहे। वही पर इस समस्या का त्वरित निदान हो। इसके लिए 15 दिन के अन्दर यह कार्य पूरा कर लें। विधायक ने यह भी कहा कि विकास कार्य के लिए आप सब प्रस्ताव दें। धन की कमी आड़े नही आएगी।

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