जिले के कोटेदारों ने की पारिश्रमिक की मांग ।

न्यूजलाईन नेटवर्क – जिला संवाददाता( क्राइम) अंकित पाठक

सोनभद्र / उत्तर प्रदेश – जनपद सोनभद्र अन्तर्गत विकास खण्ड घोरावल के अलावा पूरे जनपद में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चला रहे कोटेदार के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है । कोटेदारों ने शासन से मांग किया है कि अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कमीशन प्रति कुंतल किया जाए ।

गौरतलब है कि गुजरात में ₹20000 गारंटी मिनिमम के रूप में मानदेय दिया जाता है , जिसे यहाँ में भी लागू किया जाए । जिससे कोटेदार के परिवार का बच्चों का पालन पोषण और पढ़ाई लिखाई सही तरीके से चल सके ।जनपद के कोटेदारों का कहना है कि जब सरकार को चुनाव कराना होता है तो ग्राम पंचायत के अलावा नगर के कोटेदारों को अपना फोटो छपवाकर झोले पर संदेश पत्र पर वितरित कोटेदार के द्वारा कार्ड धारको के मध्य कराया जाता है। जिससे कि उनकी सरकार का प्रचार प्रसार हो सके । सरकार को बनाने के लिए कोटेदार एक अहम भूमिका है।लेकिन सरकार उसके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है ।

कोटेदारों का कहना है कि हमलोगों की मांग को कई सालों से लंबित रखा गया है । जिससे सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं है ।उन्होंने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने के साथ बाएं हाथ पर काली पट्टी बांधकर खदान का वितरण कर पूरे जनपद में चल रहा है । जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश में चल रहा है और प्रदेश की नहीं पूरे भारत में राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है । ग्राम पंचायत का सेवा कर रही एक छोटी कड़ी है की सरकार अपने दिमाग से विकास के बारे में सरकार का सबका साथ और सबका विकास ध्वस्त दिखाई दे रहा है ।

सवाल उठता है कि सबका साथ सबका विकास तो कोटेदार के साथ सौतेला ब्यवहार क्यों किया जा रहा है। कोटेदार से आय दिन सरकार तमाम प्रकार के काम लिए जाते हैं जैसे ई केवाईसी , आयुष्मान कार्ड ,सीडिंग करवाना ऐसे तमाम कार्य हैं और उसकी एवज में एक भी पैसा ना देना है यह सरकार का लिए एक सबसे बड़ा सवाल है।

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