
न्यूज़लाइन नेटवर्क, रायपुर ब्यूरो
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में नगरीय निकायों व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर लेट लतीफी की लगाए जा रहे आरोपों से आज जनता को निजात मिल गई है और अब जनता आश्वस्त है कि छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर तारीखों को ऐलान कर दिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य में नगरीय निकाय निर्वाचन एक चरण में होगा और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन तीन चरणों में सम्पन्न होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसारनिर्वाचन की सूचना का प्रकाशन,सीटों के आरक्षण के सूचना तथा मतदान केंद्रों की सूची का प्रकाशन 22 जनवरी को किया जाएगा,तथा नाम निर्देशन पत्र 22 जनवरी से 28 जनवरी तक प्राप्त किया जाएगा.नाम निर्देशन पत्रों की संविक्षा 29 जनवरी को की जाएगी तथा अभ्यार्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित की गई है.31 जनवरी को अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित कर किया जाएगा. नगरीय निकाय निर्वाचन हेतु 11 फरवरी 2025 को मतदान के लिए निर्धारित किया गया है तथा मतगणना और निर्वाचन परिणाम की घोषणा 15 फ़रवरी को की जाएगीपंचायत निर्वाचन क्रमशः 17 फरवरी, 20 फरवरी और 23 फरवरी को तीन चरणों में सम्पन्न होगा।

छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 ट एवं 243 यक में राज्य निर्वाचन आयोग के गठन का प्रावधान है, जिसे संविधान के 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के तहत् जोड़ा गया है। इन प्रावधानों के अंतर्गत राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निदेशन एवं नियंत्रण में नगरीय निकायों / त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचक नामावली एवं निर्वाचन का कार्य संपन्न होता है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील नंबर 5756 / 2005 किशन सिंह तोमर विरूद्ध म्युनिसिपल कार्पोरेशन ऑफ द सिटी ऑफ अहमदाबाद एवं अन्य में अवधारित किया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन कराने हेतु वही शक्तियां रखता है, जो भारत निर्वाचन आयोग में निहित है ।

प्रदेश के नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायतों से संबंधित परिसीमन निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण आदि कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत संवैधानिक व वैधानिक प्रावधानों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में स्थानीय निकायों के आम निर्वाचन की कार्रवाई संलग्न कार्यक्रम अनुसार संपन्न होगी। स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एवं सुव्यवस्थित ढंग से निर्वाचन सपन्न कराने हेतु आयोग द्वारा व्यापक तैयारियां की गई हैं। समस्त नगरीय निकायों के निर्वाचन एक चरण में व ग्रामीण निकायों के तीन चरण में संपादित होंगे। कार्यक्रम की रूपरेखा संलग्न है ।
2. प्रदेश में नगरीय निकायों के अन्तर्गत 10 नगरपालिक निगम, 49 नगरपालिका परिषद्, 114 नगर पंचायतों में आम निर्वाचन तथा जिला-दुर्ग एवं सुकमा के नगरीय निकायों के रिक्त स्थानों की पूर्ति हेतु 05 वार्डों में उप निर्वाचन सम्पन्न कराया जायेगा ।
3. नगरपालिकाओं के आम निर्वाचन में 22,00,525 पुरुष निर्वाचक, 22,73,232 महिला निर्वाचक, 512 अन्य निर्वाचक, कुल 44,74,269 निर्वाचक एवं उप निर्वाचन में कुल 16,181 निर्वाचक निर्वाचन में भाग लेंगे। आयोग द्वारा मतदाताओं के फोटोयुक्त निर्वाचक नागावली तैयार कराया गया है। मतदान के लिए आम निर्वाचन हेतु कुल मतदान केन्द्र 5,970 तथा उप निर्वाचन हेतु कुल 22 मतदान केन्द्र निर्धारित किये गये हैं, जिनमें से 1531 संवेदनशील व 132 अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्र हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के संबंध में निर्वाचन व्यय (लेखा संधारण और प्रस्तुति) आदेश 2024 दिनांक 12 दिसंबर 2024 एवं निर्वाचन व्यय ( मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति गठन एवं दत्त मूल्य समाचार विनियमन) आदेश 2024 दिनांक 12 दिसंबर 2024 जारी किया गया है
त्रिस्तरीय पंचायत अंतर्गत जिला पंचायत सदस्य के 433, जनपद पंचायत सदस्य के 2973, ग्राम पंचायत (सरपंच) के 11,672 एवं वार्ड (पंच) के 1,60,180 कुल 1,75,258 पदों पर वर्ष 2025 में निर्वाचन कराया जावेगा। जिसमें 78,20,202 पुरुष निर्वाचक 79,92,184 महिला निर्वाचक 194 अन्य निर्वाचक सहित कुल 1,58,12,580 निर्वाचक त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 में मतदान करेंगे। इसके लिए आयोग द्वारा मतदाताओं के फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार कराया जा चुका
है। पंचायत आम निर्वाचन के मतदान के लिए कुल मतदान केन्द्र 31,041 निर्धारित किये गये हैं, जिनमें से 7,128 संवेदनशील व 2,161 अतिसंवेदनशील हैं।
5.
नगरीय निकायों के आम / उप निर्वाचन EVM तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन मतपेटी के माध्यम से मतदान कराये जावेगें ।
छ.ग. नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 48 ( 2 ) के परन्तुक तथा छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 57 के प्रावधान अनुसार मतदान के समय मतदाताओं के प्रतिरूपण को रोकने और उनकी पहचान को सुगम बनाने तथा पहचान स्थापित करने के लिए आयोग द्वारा 18 पहचान पत्र निर्धारित किए गए है जिसमें से मतदाता द्वारा किसी भी एक पहचान पत्र को प्रस्तुत किए जाने पर मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान की अनुमति दी जा सकेगी।
7.
प्रावधान अनुसार यदि मतदाता किसी भी अभ्यर्थी के पक्ष में मतदान अभिलिखित नहीं करना चाहता है, तो वह मतपत्र में “उपर्युक्त में से कोई नहीं” ( NONE OF THE ABOVE) अर्थात् NOTA (नोटा) पर अपना मत अभिलिखित कर सकेगा। इसके लिए मतपत्र में अंतिम अभ्यर्थी के पश्चात् NOTA (नोटा ) मुद्रित किया जावेगा ।
नगरीय निकायों के निर्वाचन दलीय आधार पर होंगे। वहीं त्रिस्तरीय पंचायतों का निर्वाचन गैरदलीय आधार पर होगा ।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही ऐसे नगरीय निकायों तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के क्षेत्रों में जहां निर्वाचन सम्पन्न होना है, आदर्श आचरण संहिता लागू हो जायेगी। निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन सम्पन्न होने तक नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रांतर्गत राज्य सरकार के किसी विभाग या उपक्रम द्वारा न तो ऐसा कोई आदेश जारी किया जा सकेगा और न ही ऐसी कोई घोषणा की जा सकेगी जिससे किसी क्षेत्र या किसी वर्ग के मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा, छूट, सहायता या किसी भी अन्य रूप में कोई वित्तीय सहायता या धनराशि प्राप्त होती हो । निर्वाचन कार्यवाही की कालावधि में निर्वाचन वाले नगरपालिकाओं, त्रिस्तरीय पंचायत क्षेत्र या राज्य शासन द्वारा किसी नये कार्य, योजना या परियोजना की स्वीकृति अथवा घोषणा नहीं की जा सकेगी ।
10.
आयोग द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के समय आदर्श आचरण संहिता के पालन करने तथा महापौर / अध्यक्ष पदों के लिए निर्धारित व्यय सीमा पर निगरानी रखने के लिये निर्वाचन प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक नियुक्त किये जाएंगे। इसी के साथ ही महापौर / अध्यक्ष पद हेतु व्यय सीमा की निगरानी हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्वाचन व्यय संपरीक्षक की नियुक्ति की जायेगी, जो महापौर / अध्यक्ष पद के अभ्यर्थियों की व्यय लेखा की जांच करेंगे। अभ्यर्थिता वापसी हेतु निर्धारित अंतिम तिथि एवं मतदान तिथि के मध्य अभ्यर्थियों द्वारा अपनी व्यय लेखा की अनिवार्यतः जांच निर्वाचन व्यय संपरीक्षक के पास कराया जाएगा। आवश्यकता होने पर निर्वाचन व्यय संपरीक्षक दो बार से अधिक भी जांच हेतु अभ्यर्थी को लेखा रजिस्टर के साथ बुला सकता है।
आयोग द्वारा EVM तथा मतपेटी को लाने ले जाने हेतु प्रयुक्त BOX / थैली की व्यवस्था की गई है ताकि मतदान दल को सुविधा हो सके।
इस बार भी नगरीय निकाय / त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ऑनलाईन सॉफ्टवेयर SEC-ER के माध्यम से निर्वाचक नामावली तैयार कराया गया है।
निर्वाचक नामावली में नाम जुड़वाने हेतु मतदाताओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा “जागव बोटर ( जाबो )” कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें राज्य भर में लोगों की सहभागिता उल्लेखनीय रही है। साथ ही ग्राम पंचायत अंतर्गत मतदाताओं की जानकारी के लिए ग्रामसभा का आयोजन भी किया गया है। नगरीय निकायों के आम निर्वाचन वर्ष 2025 ई.व्ही.एम. के माध्यम से कराया जाना है । ई. व्ही. एम. Multi Post and Multi Vote ( बहु पद एवं बहु मत) की श्रेणी ई.व्ही.एम है। इस संबंध में मतदाताओं को मतदान करने हेतु जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान “जाबो” कार्यक्रम के तहत व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये है।