एनआईटी रायपुर में पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन

न्यूज़लाइन नेटवर्क, रायपुर ब्यूरो

रायपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने 21 और 22 दिसंबर 2023 को ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजिस एंड एप्लिकेशन इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह आयोजित किया। डॉ. प्रभात दीवान, डीन (आर एंड सी) ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर सम्मानिय अतिथि के रूप में डॉ. शुभ्रता गुप्ता, प्रोफेसर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, डॉ. अनामिका यादव, विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और डॉ. एस.एल.सिन्हा, विभागाध्यक्ष, मैकेनिकल इंजीनियरिंग उपस्थित रहे ।सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत दक्षिण-पूर्वी नॉर्वे विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल पावर इंजीनियरिंग के प्रतिष्ठित प्रोफेसर डॉ. संजीवकुमार पद्मनाभन के नेतृत्व में ‘माइक्रोग्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में पावर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी’ पर एक ज्ञानवर्धक ऑनलाइन व्याख्यान सत्र के साथ हुई। सत्र में प्रतिभागियों को दर्शकों को डायनेमिक पीवी रिस्पॉन्स, डायनेमिक कन्वर्जेंस रिस्पॉन्स, आंशिक छायांकन स्थितियों के तहत पीवी ट्रैकिंग की जानकारी प्राप्त हुई । इस दो दिन के सम्मेलन में प्रतिभागियों ने शोध प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने शोध को प्रदर्शित करने के अवसर का लाभ उठाया, कुल 6 सत्रों में 3 ऑफ़लाइन और 3 ऑनलाइन सत्र शामिल थे और इस पूरे सम्मेलन में 40 तकनीकी शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। प्रत्येक सत्र के सर्वोत्तम शोधों को को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।इसके बाद समापन समारोह में डॉ. के. चन्द्रशेखरन ने सम्मेलन के सभी पहलुओं को समाहित करते हुए इस दो दिवसीय कार्यक्रम का एक व्यापक सारांश प्रदान किया। आभार व्यक्त करते हुए डॉ. प्रभात दीवान ने कहा कि संस्थान ऐसे उल्लेखनीय सम्मेलन आयोजित करने में सराहनीय कार्य कर रहा है। प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने न केवल शोध लेख प्रकाशित करने के महत्व पर जोर दिया, बल्कि इसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रस्तुत करने हेतु प्रोत्साहित किया । उन्होंने प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। यह सम्मेलन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के गतिशील क्षेत्र में बौद्धिक आदान-प्रदान, आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और सामूहिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच साबित हुआ। दो दिवसीय इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ, जो एक ज्ञान-समृद्ध सभा के सफल समापन का प्रतीक था।

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