नगर परिषद में सुविधाओं का है अभाव, परिषद को दफ्तर तक नही है नसीब, स्टाफ का भी है टोटा।

नगर परिषद सरई में बस स्टैंड व सब्जी मण्डी का निर्माण कराने उठी मांग।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। गांवों से नगरों की शक्ल अख्तियार करने वाले नगर परिषद क्षेत्रों के विकास को लेकर सरकार की संवेदनशीलता का एहसास इनको देखने भर से होने लगता है। गौरतलब है कि लाखों रूपये की योजनाओं के जरिए लोगों को अच्छी सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उसी तर्ज पर नगर परिषदों को बजट भी दिया जा रहा है। ताकि रहन-सहन में मूलभूत जरूरतों को शामिल करते हुए एक अच्छे नगर की स्थापना की मंशा है। सरई में बस स्टैंड हो यह जिम्मेदारी बस संचालक या फिर बस चालक की नहीं है। नगर परिषद को इसकी व्यवस्थाएं करनी होंगी। नगर परिषद को उचित स्थान देखकर बस स्टैंड बनाने का प्रयास शुरू करना चाहिए, ताकि नगर की मूलभूत जरूरतों में से एक सुविधा शुरू हो सके। नगर में लोग अपने ही शहर में फंस कर रह जाते हैं।
कल तक ग्राम पंचायतों के भरोसे रहने वाली व्यवस्थाओं के स्थान पर एक सीएमओ और 15 पार्षद मिले है। उन पर सरकार इसीलिए खर्च कर रही है कि नागरिक जरूरतों के लिए प्रयास किए जायें। वही सरई बाजार में ऑटो चालकों की मनमानी अलग है। वे सवारियों के इंतजार में सड़क में अपना ऑटो खड़ा रखते हैं। एक नहीं कई-कई ऑटो तिराहे पर खड़े रहते हैं, जो वाहनों के आवागमन में अवरोध उत्पन्न करते हैं। जिसकी वजह से ऑटो चालक आपस में विवाद की स्थितियां उत्पन्न कर लेते हैं। साथ ही सीधी से सरई होकर बैढ़न व अन्य नगरों-कस्बों को जाने वाले बसें जैसे ही सरई पहुंचती हैं, बिना किसी हिचकिचाहट बस का चालक अपनी मनपसंद दुकानों के सामने बस को खड़ी करके चाय-नाश्ता करने चला जाता है।
परिचालक है सवारियों को बैठाने और उतारने का काम करता रहता है। चालक की जितनी देर मर्जी बस को खड़ा रखेगा। अब चाहे पूरी बाजार में आवागमन बाधित हो जाए या फिर कोई इमरजेंसी वाहन फंस जाए। बस तो नहीं हटेगी। क्योंकि बस है, स्टैंड है ही नहीं। सरई के लिए सबसे ज्यादा जरूरत एक अदद बस स्टैंड बनाने की है। बस स्टैंड बन जाने से बीच बाजार में आधी सड़क पर बस खड़ी करने की परंपरा बदल जायेगी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!