न्यूज़लाइन नेटवर्क, स्टेट ब्यूरो भिलाई
बाजार : भारत का इतिहास अति प्राचीन है।भारत विश्व की सभ्यता व संस्कृति की जननी है।चारो वेद छह शास्त्र अठारह पुराण भगवत गीता ,महाभारत व रामायण जैसे ग्रन्थ विश्व की अमूल्य धरोहर है।यहा के ग्रन्थो मे खगोल भूगोल आयुर्वेद योग विज्ञान आध्यात्म जैसे सभी विषयो का प्रामाणिक वर्णन है।दक्ष प्रजापति के द्वारा साठ कन्याओ की उत्पत्ति बेटी बचाओ, बेटी पढाओ जैसे योजनाओ की जननी है।आसुरी वृत्ति ही वृत्रासुर है ,जिसका वध दैवीय प्रवृत्ति से युक्त महान राष्ट्र भक्त व देहदानी महर्षि दधीचि के हड्डियो से बने बज्र द्वारा ही संभव हो पाया।अहंकार व्यकि के पतन का।कारण है,इससे सदैव बचने व लोगो को बचाने का प्रयास करते रहना चाहिए ।पाच वर्ष के प्रह्लाद सनातन धर्म के महान संरक्षक व संवर्धक है जिन्होने अपने पिता हिरण्यकश्यप के सनातन विरोधी, भगवान श्रीराम विरोधी विचारधारा का विरोध संसार की कठिन से कठिन यंत्रणा सहकर किया।परिणाम स्वरूप सनातन धर्म की रक्षा व प्रह्लाद के दृढ विश्वास की रक्षा हेतु खंभे से नरसिंह रूप मे प्रकट होकर भगवान ने धर्म का ध्वजारोहण तथा ईश्वर की सर्व व्यापकता का प्रकटीकरण किया। पाच सौ वर्षो की कठिन संघर्षो के बाद अयोध्या मे प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण भारत सहित विश्व के लिए गौरव व गर्व का विषय है।भगवान श्रीराम जहा विश्व की आत्मा है वही छत्तीसगढ वासियो की बहन कौशल्या के पुत्र होने के नाते भान्जा जी भी है।आप सभी 22जनवरी को प्रत्येक घरो मे दीपोत्सव, गावो मे प्रभात फेरी व मंदिरो मे भजन कीर्तन का आयोजन कर श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाए। यह विचार भिलाई बाजार निवासी टेकराम कश्यप के घर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन लोरमी से पधारे कथावाचक व्यास श्रद्धेय डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने व्यक्त किए। इस अवसर पर कटघोरा विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक प्रेमचंद पटेल ने श्रीमद्भागवत एवम व्यास पूजन कर हिमान्शु महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होने भागवत कथा को सनातन धर्म की महोषधि बतलाते हुए भागवत भगवान से अपने क्षेत्र वासियो के मंगलकामना की प्रार्थना की। यजमान टेकराम कश्यप, भूपत राम कश्यप, धनीराम कश्यप तथा दिनेश कश्यप द्वारा विधायक प्रेमचन्द पटेल का स्वागत किया गया।कथा के दौरान भक्त प्रह्लाद व नरसिंह भगवान की भव्य झाँकी प्रदर्शित की गयी। उक्त अवसर पर पंडित रामखेलावन पाण्डेय पंडित नीरज तिवारी सहित सैकडो श्रदालु नर नाररी उपस्थित थे।