न्यूजलाइन नेटवर्क – सिंगरौली संवाददाता – राकेश कुमार तिवारी

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिले में एनसीएल द्वारा खदानों के विस्तार के लिए मोरवा को बिना बसाए उजड़ा जा रहा है। जिस कारण करीब 50 हजार लोगों को यहाँ से विस्थापित होना पड़ेगा। अतः इस विस्थापन की गंभीर समस्या को लेकर सिंगरौली विस्थापित संघर्ष समिति के संरक्षक अमित तिवारी के आवाहन पर देश के मशहूर एक्टिविस्ट डॉ सुनीलम एवं एडवोकेट आराधना भार्गव के द्वारा मोरवा में शनिवार देर शाम आम सभा कर लोगों को अपने हक के लिए आगे आने की अपील की गई। इस दौरान डॉक्टर सुनीलम के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि एनसीएल को पुनर्वास नीति के तहत विस्थापन करना होगा। उन्होंने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत मोरवा शहर से भी खूबसूरत शहर बसा कर एनसीएल को विस्थापितों को देना होगा। मोरवा के लोग एकजुट होकर एनसीएल से लड़े जब भी जरूरत होगी हम अपने पूरी टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस विस्थापन की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आएंगे। वही एडवोकेट आराधना भार्गव ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुनर्वास नीति में पट्टेदार, वन भूमि, सरकारी भूमि पर बसे लोगों को समान मुआवजा देने का प्रावधान है। विस्थापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट पर पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर एडवोकेट आराधना भारद्वाज ने बताया कि 17 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को अधिग्रहण क्षेत्र में पुनर्वास नीति का पालन कराने का सख्त निर्देश दिया हैं। अगर एनसीएल अधिग्रहण प्रभावित क्षेत्र के लोगों को पुनर्वास नीति के तहत मुआवजा वितरण नहीं करता तो मोरवा की जनता को एकजुट होकर इसके लिए लड़ाई लड़ना चाहिए। इस आमसभा में डॉक्टर सुनीलम, एडवोकेट आराधना भार्गव के साथ अमित तिवारी, सत्येंद्र पासवान, हरेंद्र राय, रमन सिंन्हा, बंटी सिंन्हा, विवेक, शंकर, आरडी, कालिका गुप्ता, सुशीला सिंह के साथ-साथ सैकड़ो की संख्या में विस्थापित आम जनमानस मौजूद रहे।