– बदल रही महर्षि मांडवी की तपोस्थली मांडवी तालाब की तस्वीर, इसी के नाम पर पड़ा है मंडुआडीह क्षेत्र का नाम
– ऋषि मुनियों की भूमि काशी में पौराणिक, धार्मिक महत्व वाले प्राचीन तालाब व मंदिरों का हो रहा कायाकल्प
– फोर लेन सड़क और दो बड़े ओवरब्रिज से बनारस का पॉश इलाका बनने की ओर अग्रसर है मंडुआडीह*
ब्यूरो रिर्पोट वाराणसी।
वाराणसी, 18 जनवरी।* कभी बदनाम गली के रूप में कुख्यात हो चुके मंडुआडीह की तस्वीर मोदी-योगी सरकार में तेजी से बदल रही है। प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मंडुवाडीह के प्राचीन वैभव को वापस लौटाने के साथ ही मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज मंडुवाडीह स्टेशन एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाला स्टेशन बन चुका है तो वहीं फोरलेन सड़क और दो बड़े ओवरब्रिज से कनेक्ट होने के बाद ये पूरा इलाका शहर का नया पॉश इलाका बनने लगा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर महर्षि मांडवी की तपोस्थली मांडवी तालाब का पुनरुद्धार कार्य भी शुरू हो गया है। बता दें कि महर्षि मांडवी के नाम पर ही इस पूरे क्षेत्र का नाम मंडुआडीह पड़ा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर हुए बड़े कार्य
मंडुआडीह क्षेत्र में रहने वाले जो लोग यहां मौजूद बदनाम गलियों की वजह से अपना पता बताने में भी हिचकते थे, अब वे शान से इस क्षेत्र का नाम लेने लगे हैं। सरकार ने बनारस स्टेशन (पुराना नाम मंडुआडीह) पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा और स्टेशन को आकर्षक बना दिया है। आज यहां से प्रमुख ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। इसके अलावा लहरतारा-फुलवरिया फोर लेन मार्ग ने जिला मुख्यालय व एयरपोर्ट की राह आसान कर दी है। लहरतारा से लंका बीएचयू होते हुए आईपी विजय तक आधुनिक फोर लेन सड़क जल्दी ही बन कर तैयार होने वाली है। मंडुआडीह-ककरमत्ता फ्लाईओवर और मंडुआडीह-महमूरगंज रेलवे ओवर ब्रिज ने शहर के विभिन्न हिस्सों से कनेक्टिविटी को और सरल किया है। साथ ही मंडुवाडीह चौराहे पर प्रस्तावित ओवरब्रिज यहां पर लगने वाले जाम को भी ख़त्म करेगा। मंडुवाडीह के विकास से यहां के व्यापार और रोजगार को पंख लगने लगा है। होटल व नए ब्रांडेड शो रूम इस इलाके में खुल रहे हैं। मंडुआडीह के ग्रामीण इलाकों के नगर निगम में शामिल होने के बाद क्षेत्र के विकास में और तेजी आई है। अब मंडुआडीह का नाम शहर के पाश क्षेत्रों में शुमार हो रहा है।
मांडवी तालाब का हो रहा कायाकल्प
काशी प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों की तपस्थली रही है। इन्ही ऋषियो के नाम पर बनारस के कई क्षेत्र, कुंडों और तालाबों का नाम पड़ा था। धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले प्राचीन तालाब व मंदिरों का जीर्णोद्धार मोदी-योगी सरकार में बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है। इसी कड़ी में योगी सरकार महर्षि मांडवी की तपोस्थली मांडवी तालाब की तस्वीर बदल रही है। मांडवी तालाब के नाम पर ही मंडुआडीह क्षेत्र का नाम पड़ा है। मांडवी तालाब के पास स्थित प्राचीन गणेश मंदिर का भी पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है। योगी सरकार लगभग 418 .6 लाख की लागत से मांडवी तालाब और गणेश मंदिर परिसर का कायाकल्प कर रही है।