प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड स्थित नासाउ कोलिजीयम में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी एकत्रित हुए थे, जो भारत के प्रति अपने प्रेम और लगाव को दर्शाने आए थे। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत “भारत माता की जय” के जोरदार नारे के साथ की, जिससे समस्त हॉल में एक उत्साहपूर्ण माहौल बना।
‘नमस्ते’ का वैश्विक महत्व
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि “नमस्ते” अब केवल एक भारतीय अभिवादन नहीं रह गया है; यह एक वैश्विक अभिवादन बन चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बदलाव उन प्रवासी भारतीयों की वजह से संभव हुआ है, जो दुनिया के विभिन्न कोनों में बसे हैं और भारत की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का प्रचार कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि उनका जीवन एक यात्रा रही है, और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे राजनीति में आएंगे।
मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने की यात्रा
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात का सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया, और बाद में उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने भारतीय राजनीति की चुनौतियों और अवसरों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है, जो पिछले 60 वर्षों में एक अभूतपूर्व घटना है। यह जनादेश देश की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को दर्शाता है, और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में बड़े लक्ष्यों को हासिल करने का संकल्प लिया।
लोकतंत्र का उत्सव
मोदी ने अपने संबोधन में 2024 के साल को वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस साल दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है, जबकि कई अन्य देशों में संघर्ष और तनाव है। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका एक साथ लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं,” और भारतीय लोकतंत्र के बारे में गर्व से कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव मानव इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर लोगों ने मतदान किया।
जो बाइडेन का धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें बाइडेन द्वारा अपने घर पर आमंत्रित किया गया था। मोदी ने कहा, “उनकी गर्मजोशी और आत्मीयता ने मुझे गहराई से प्रभावित किया।” उन्होंने इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया, जो उनके लिए गर्व का विषय है।
‘AI’ का नया अर्थ
प्रधानमंत्री ने एक मजेदार उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया के लिए AI का मतलब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, लेकिन उनके लिए इसका मतलब “American-Indian” है। उन्होंने इस भावना को भारत और अमेरिका के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बताया, जो नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
भारतीय विविधता का जश्न
मोदी ने भारतीय संस्कृति की विविधता को भी सराहा। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी जहां भी जाते हैं, वहां की संस्कृति को अपनाते हैं। भारत की विभिन्न भाषाएं, धर्म, और संस्कृतियों के बीच की एकता को उन्होंने एक महान विशेषता बताया। “भाषाएं भिन्न हो सकती हैं, लेकिन भारतीयता का भाव एक ही है,” उन्होंने कहा।
प्रवासी भारतीयों का महत्व
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों की क्षमताओं की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा उन्हें भारत के मजबूत ब्रांड एंबेसडर के रूप में देखा है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को “राष्ट्रदूत” की उपाधि देते हुए कहा कि उनका कार्यभार भारत का गौरव बढ़ाना है।
भव्य समारोह का आयोजन
इस कार्यक्रम में 15,000 से अधिक प्रवासी भारतीय एकत्रित हुए थे, जो अमेरिका के 42 विभिन्न राज्यों से आए थे। कार्यक्रम में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 500 से अधिक कलाकारों ने लोक नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया। यह आयोजन ऐतिहासिक था, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने लॉन्ग आइलैंड में कार्यक्रम किया। नासाउ काउंटी के मेयर ने इस मौके को विशेष बताया और कहा कि वे भारत के सबसे लोकप्रिय नेता का स्वागत कर रहे हैं।
इस समारोह में मोदी के भाषण ने न केवल प्रवासी भारतीयों के दिलों को छू लिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत और अमेरिका के बीच के संबंध कितने मजबूत और विविधतापूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने इस आयोजन के माध्यम से भारतीय समुदाय को एकजुट किया और उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया।