
आजमगढ़ 15 जुलाई– जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत किये गये आवेदनों का सत्यापन ग्रामीण स्तर पर ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एवं पंचायत सचिव से एवं शहरी क्षेत्र में सभासद एवं अधिशासी अधिकारी से करायें तथा वर एवं वधु के अविवाहित होने की पुष्टि कराते हुए रिपोर्ट लें। उन्होने कहा कि यदि किसी आवेदन में कमी पायी जाती है तो उसका पुनः सत्यापन कराया जाय। उन्होने कहा कि जितने भी कल्याण सेक्टर विभाग के अधिकारी हैं, उनकी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित हो। जिलाधिकारी ने कहा कि ब्लाकवार रोस्टर बनाते हुए बड़े स्तर पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन कराया जाय। जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि हिन्दु वर एवं वधु की शादी हेतु गायत्री परिवार के पण्डित एवं अल्पसंख्यक वर एवं वधु की शादी हेतु मौलवी तथा विवाह संस्कार हेतु अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करायें।
जिला समाज कल्याण अधिकारी श्री मोती लाल ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि योजना हेतु आनलाइन आवेदन https://cmsvy.upsdc.gov.in वेबसाइट पर किया जाता है। आनलाइन आवेदन की हार्डकॉपी जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाना अनिवार्य है। आवेदन पत्र के साथ आवेदक की नवीनतम पासपोर्ट आकार की फोटो, आय के सम्बन्ध में तहसील से निर्गत आय प्रमाण पत्र, आयु के सम्बन्ध में शैक्षिक योग्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। योजनान्तर्गत पात्रता हेतु कन्या के अभिभावक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। कन्या/कन्या के अभिभावक निराश्रित निर्धन तथा जरूरतमन्द हो आवेदक के परिवार की आय सीमा 02 लाख के अन्तर्गत होना चाहिए। विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि से 18 वर्ष या उससे अधिक होना अनिवार्य है तथा वर के लिए 21 वर्ष की आयु पूर्ण हो गयी हो। आयु की पुष्टि के लिए शैक्षिक प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, आधार कार्ड मान्य होंगे। निर्धन परिवारों की कन्या के विवाह/विधवा, परित्यक्तता/तलाकशुदा, जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो, का पुनर्विवाह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। विवाह हेतु निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री, ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि उक्त योजनान्तर्गत कन्या के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु सहायता राशि रू0 35000 कन्या के खाते में अन्तरित की जायेगी। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री हेतु रू0 10000 (कपडे, पैण्टशर्ट, साड़ीसेट, बिछिया, पायल चांदी के, प्रेस, दीवार घड़ी, वैनटी किट तथा डीनर सेट इत्यादि), कार्यक्रम के आयोजन, भोजन, पण्डाल, फर्नीचर पेयजल, विद्युत/प्रकाश व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु रू0 6000 प्रति जोड़ा ग्रामीण/शहरी निकाय स्तर पर गठित विवाह समिति को दिया जायेगा। इस प्रकार उक्त योजना के अन्तर्गत कुल रू० 51000 प्रति जोड़ा देय है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह हेतु 320 आवेदकों द्वारा आवेदन किया गया है, जिसमें से 256 आवेदनों को सत्यापन हेतु प्रेषित कर दिया गया है तथा 149 आवेदनों को संशोधन हेतु लाभार्थी के लाॅगिन पर भेजा गया है।
बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी श्री मोती लाल, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।