आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को पूर्ववर्ती सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। नायडू ने दावा किया कि पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का उपयोग किया गया था। यह बयान उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायक दल की एक बैठक में दिया। नायडू के अनुसार, तिरुमला लड्डू की शुद्धता से समझौता किया गया और घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल हुआ।
लड्डू में पशु चर्बी का इस्तेमाल
नायडू ने तेलुगु भाषा में बात करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने मुफ्त भोजन (अन्नदानम) की गुणवत्ता को घटिया बताया और आरोप लगाया कि घी के बजाय तिरुमला लड्डू में पशु चर्बी का उपयोग किया गया। नायडू के इस खुलासे से लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई। हालांकि, नायडू ने यह भी कहा कि वर्तमान में शुद्ध घी का उपयोग हो रहा है और उनकी सरकार तिरुमला मंदिर की पवित्रता की रक्षा करने के प्रयास कर रही है।
वाईएसआर कांग्रेस का जवाब
नायडू के इस आरोप पर वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणियां तिरुमला मंदिर की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा कि तिरुमला प्रसाद के बारे में नायडू का यह आरोप अत्यंत दुर्भावनापूर्ण है और कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति इस प्रकार के आरोप नहीं लगाएगा।
शपथ लेने की चुनौती
वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू पर पलटवार करते हुए कहा कि चंद्रबाबू नायडू राजनीति में लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। उन्होंने नायडू को चुनौती दी कि वह और उनका परिवार भगवान के सामने तिरुमला ‘प्रसाद’ की शुद्धता को लेकर शपथ लें। रेड्डी ने खुद इस शपथ को लेने की बात कही और सवाल किया कि क्या चंद्रबाबू नायडू भी अपने परिवार के साथ ऐसा करने को तैयार हैं।
तिरुपति लड्डू की महत्ता
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के इस मंदिर में दर्शन करने वाले भक्त लड्डू प्रसाद के रूप में इसे अवश्य लेते हैं। तिरुपति लड्डू की मांग इतनी अधिक होती है कि इसे मंदिर की विशेष पहचान माना जाता है।