रिपोर्ट- मोनीश ज़ीशान
न्यूज़लाइन नेटवर्क वैशाली
भगवानपुर प्रखंड के सतपुरा गांव में वस्त्र मंत्रालय ,भारत सरकार और हस्तशिल्प केंद्र पटना के तत्वाधान में जलकुंभी के 50 दिवसीय गुरु शिष्य प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रखंड विकास पदाधिकारी भगवानपुर डॉ आनंद मोहन के द्वारा किया गया ।डॉक्टर आनंद मोहन ने ट्रेनिंग लेने बाली महिलाए से बातचीत कर उनका फीडबैक लिया तथा उन्हें सफलतापूर्वक प्रशिक्षण हासिल करने के लिए बधाई दी। आगे भी जलकुंभी निर्मित सामानों की सफल मार्केटिंग करने का आश्वासन दिया। साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए इस रोजगार से जोड़ने हेतु उनका हौसला बढ़ाया। यह कार्यक्रम दिनांक 5.8.24 से प्रारंभ होकर दिनांक 2.10. 24 तक सफल तरीके से चलाया गया. इस अवसर पर इंदिरा ब्रह्मा प्रशिक्षक को अंग वस्त्र एवं मेडल और भगवान बुद्ध की प्रतिमा देकर उनका सम्मान बढ़ाया। इस मौके पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी अनिता कुमारी श्री दिनेश ऋतुराज ,रघुनाथ राय सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे ।बताते चले कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ 5 अगस्त को जिला पदाधिकारी वैशाली यशपाल मीणा द्वारा वैशाली समाहरणालय स्थित सभागार में वरीय पदाधिकारी की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर किया गया था ।इस अवसर पर कार्यालय विकास आयुक्त ,के सहायक निदेशक मुकेश कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया था कि बिहार में किस प्रकार जलकुंभी के प्रयोग से लोगों की आर्थिक उन्नति हो सकती है । इस कला का प्रशिक्षण बड़ी ही दिल जमी से असम से आई प्रशिक्षक इंदिरा ब्रह्मा के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दरमियान प्रखंड विकास पदाधिकारी भगवानपुर डॉक्टर आनंद मोहन का सराहनीय सहयोग एवं हौसला अफजाई होता रहा जिससे सिखने वाली महिला दिल लगाकर इस हुनर को सीख कर भविष्य में जीविका का आधार बना ने का संकल्प लिया। इससे सुंदर और आकर्षित वस्तुएं तैयार कर पटना के ज्ञान भवन में प्रदर्शित करने का सौभाग्य अंशु कुमारी ,प्रीति कुमारी और पूजा कुमारी को प्राप्त हुआ। प्रशिक्षक इंदिरा ब्रह्मा ने जाते-जाते प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपनी ओर से जलकुंभी से निर्मित वस्तु भेंट स्वरूप दी जिसे प्रखंड कार्यालय में संजोकर रखा गया है।उनसे आग्रह किया कि बिहार बराबर आते रहे और बिहार से जब भी कोई इस संदर्भ में आपसे बात करें तो निश्चित रूप से आप बताएं ।