ब्यूरो रिपोर्ट सिंगरौली।
सिंगरौली/मध्य प्रदेश। जिले में लगातार प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर जा रहा है। रविवार को जिला मुख्यालय बैढ़न व उसके आसपास नगर-कस्बों में एआईक्यू 222 तक पहुंच गया। जहां इसे रेड जोन मान बेहद खराब स्थिति बता रहा है। जहां पर्यावरण प्रदूषण सेहत के लिए भी काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है।दरअसल जिले के बैढ़न, मोरवा, नवजीवन बिहार, गजरा-बहरा, शासन, बरगवां, गोंदवाली, गोरबी सहित अन्य कस्बे में दमघोटू हवा चिंता में डाल दिया है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिंगरौली अंचल के वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्थिति में पहुंचा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानक के अनुसार रेड जोन में है।
जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्थिति में है। आलम यह है कि रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एआईक्यू 222 तक पहुंचा है। आरोप लगाया जा रहा है कि स्थानीय क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला के द्वारा स्थानीय औद्योगिक कंपनियों जिनके द्वारा प्रदूषण व्यापक रूप से फैल रहा है। उनपर कार्रवाई करने से गुरेज कर रहा है। केवल मात्र कार्यशालाओं तक सीमित है। इस दौरान क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला उन्हीं के सुर-सुर में मिलाते हुये वाहवाही की राग अलापते रहते हैं। जबकि इन दिनों सिंगरौली अंचल के हाऔ हवा बेहद खराब स्थिति में है।
पिछले एक सप्ताह से एआईक्यू 300 तक पहुंच जा रहा है। इसे रोकने के लिए अभी तक कोई कारगर कदम नही उठाया जा रहा है। लिहाजा प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो रही है और सिंगरौलीवासी मान रहे हैं कि बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगबाग दमा, स्वांस, हार्ट एवं ऑख जैसे बिमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण फ्लाई ऐश के परिवहन, कोयले की राख, क्षतिग्रस्त सड़के सहित अन्य बिन्दु शामिल हैं। फिलहाल जिले वासियों के लिए प्रदूषण एक बड़ा एवं गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अमले की कार्य शौली पर भी सवालों के कटघर्रे में है।