जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा चलाया गया जागरुकता अभियान।

डिप्टी व्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।

सोनभद्र/उत्तर प्रदेश। अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र शैलेन्द्र यादव ने अवगत कराया कि मा. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं मा. जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जनपद न्यायालय परिसर में स्थित ए0डी0आर0 भवन के भू- तल पर प्रातः 09ः30 बजे माँ सरस्वती के प्रतिमा का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ बच्चों के लिए कानूनी सेवा इकाई LSUC कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम में बच्चों के लिए कानूनी सेवा इकाई स्कीम के अन्तर्गत गठित कमेटी को विभिन्न सरकारी संस्थाओं व गैर सरकारी संस्थाओं के रिसोर्स पर्सन द्वारा प्रथम दिवस का प्रशिक्षण दिया गया। उक्त कार्यक्रम में शैलेन्द्र यादव अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सोनभद्र द्वारा बच्चों को विधिक सेवाओं के बारे में समिति का गठन एवं कार्याे के विषय में तथा नालसा (बच्चों के लिए बाल-मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना, 2024 का संक्षिप्त अवलोकन, संरचना और मुख्य विशेषताएं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व के बारे में सभी को अवगत कराया गया।

इसके अलावा उक्त स्कीम में समिति के सदस्यो की भूमिका को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के दौरान ओम प्रकाश त्रिपाठी पूर्व सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, सोनभद्र, दीपिका सिंह, केन्द्र प्रबन्धक वन स्टाप सेन्टर, नेहा अग्रहरि विधि सह परिविक्षा अधिकारी सोनभद्र, सम्मानित पैनल अधिवक्ता एवं सम्मानित पराविधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।

ओम प्रकाश त्रिपाठी पूर्व सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, सोनभद्र द्वारा विधि के विरूद्ध बालको के संबंध में विधिक सेवाएं बेहतर तरीके से किस प्रकार संचालित हो उस पर प्रकाश डाला गया इसके अलावा विधिक सेवा प्रत्येक पुलिस स्टेशन, किशोर न्याय, बाल संरक्षण संस्थान, बाल न्यायालय एवं जिला कारागार में गठित कर कैसे बेहतर तरीके से बच्चों को विधिक सेवा प्रदान की जाये इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। दीपिका सिंह, केन्द्र प्रबन्धक वन स्टाप सेन्टर जिला सोनभद्र द्वारा बाल कल्याण समिति, परिवारिक संस्थान, बच्चों के देखरेख के संस्थान तथा पीड़िताओं को किस प्रकार से मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा प्रदान की जाये इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया।

नेहा अग्रहरि विधि सह परिविक्षा अधिकारी सोनभद्र द्वारा किशोर न्याय अधिनियम, जे.जे.एक्ट 2015 तथा बच्चों के संदर्भ में कानूनी और नीतिगत ढाँचे के बारे में एवं सी0डब्ल्यू0सी देखभाल, बच्चो की सुरक्षा लैंगिक अपराधों से संरक्षण, कार्यस्थल पर यौन शोषण संबंधी अधिनियम, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, पूर्वगर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994, Sex selection decline in child sex ratio under PCPNDT Act” विधिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया गया।

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