“मुस्लिम देश में 700 साल पुरानी गणपति की मूर्ति, ज्वालामुखी के बीच होता है चमत्कारी पूजन!”

इंडोनेशिया, एक ऐसा देश जहां दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी निवास करती है, लगभग 13% वैश्विक मुस्लिम जनसंख्या यहीं रहती है। लेकिन इस देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का एक अद्भुत उदाहरण माउंट ब्रोमो है, जो न केवल अपने सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए बल्कि वहां स्थित भगवान गणेश की 700 साल पुरानी मूर्ति के लिए भी प्रसिद्ध है। यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि एक मुस्लिम बहुल देश के इस हिस्से में हिंदू देवता गणेश की इतनी प्राचीन और महत्वपूर्ण प्रतिमा स्थापित है, जिसे यहां के स्थानीय लोग बहुत श्रद्धा से पूजते हैं।

 माउंट ब्रोमो और हिंदू मान्यताएं

माउंट ब्रोमो पूर्वी जावा प्रांत के ब्रोमो टेंगर सेमेरू नेशनल पार्क में स्थित है। इस क्षेत्र का नाम ‘ब्रोमो’ हिंदू धर्म के सृष्टि के देवता ब्रह्मा के जावानीस उच्चारण से लिया गया है। इंडोनेशिया के लगभग 130 सक्रिय ज्वालामुखियों में से माउंट ब्रोमो एक प्रमुख ज्वालामुखी है, जो अपने अद्वितीय भूगोल और धार्मिक महत्व के कारण खासा प्रसिद्ध है। ज्वालामुखी के क्रेटर के पास स्थित भगवान गणेश की मूर्ति स्थानीय हिंदू जनजातियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस मूर्ति की स्थापना टेंगर मासिफ जनजाति के पूर्वजों द्वारा लगभग 700 साल पहले की गई थी।

 गणेश की मूर्ति और उसकी पूजा

गणेश की यह मूर्ति ज्वालामुखी के नजदीक स्थित है, और स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान गणेश उनकी ज्वालामुखी से रक्षा करते हैं। इस क्षेत्र में भगवान गणेश को लेकर गहरी धार्मिक मान्यताएं हैं, और उनकी पूजा नियमित रूप से की जाती है। यहां तक कि जब ज्वालामुखी फटने का खतरा होता है, तब भी गणेश जी की पूजा में कोई रुकावट नहीं आती। स्थानीय लोग इस मूर्ति के पास फूल, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं ताकि उनकी खेती और पशुधन को कोई नुकसान न पहुंचे। ऐसा माना जाता है कि अगर यह पूजा बंद कर दी जाए, तो ज्वालामुखी का प्रकोप उनके जीवन और आजीविका को नुकसान पहुंचा सकता है।

 टेंगर मासिफ जनजाति की मान्यताएं

टेंगर मासिफ जनजाति के लोग सदियों से गणेश की पूजा करते आ रहे हैं। उनकी मान्यता है कि यह मूर्ति उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई थी, और तब से यह मूर्ति उनके सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का हिस्सा बनी हुई है। इस मूर्ति की स्थापना का उद्देश्य था कि भगवान गणेश क्षेत्र को ज्वालामुखी से सुरक्षित रखें और प्राकृतिक आपदाओं से लोगों की रक्षा करें। ज्वालामुखी के सक्रिय होने के बावजूद, गणेश जी की पूजा की परंपरा लगातार जारी रहती है, जो स्थानीय लोगों की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।

 पुरा लुहुर पोटेन मंदिर और कसाद उत्सव

माउंट ब्रोमो के निकट स्थित पुरा लुहुर पोटेन मंदिर स्थानीय हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल है। इस मंदिर का निर्माण ज्वालामुखीय काली चट्टानों से किया गया है, और इसमें भगवान गणेश की एक सुंदर मूर्ति भी स्थापित है। यहां एक खास उत्सव ‘यदन्या कसादज’, जिसे ‘केसाडा’ भी कहा जाता है, मनाया जाता है। यह उत्सव हिंदू सर्वोच्च देवता ‘विदी वासा’ के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म में ब्रह्मा के रूप में पहचाना जाता है। यह उत्सव टेंगर मासिफ जनजाति के लोग मनाते हैं, जिसमें वे अपने देवता को प्रसाद चढ़ाते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

 धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक मिलन

इंडोनेशिया की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का यह उदाहरण बताता है कि भले ही यह देश एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है, यहां हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं के प्रति सम्मान और सहिष्णुता है। माउंट ब्रोमो क्षेत्र में भगवान गणेश की मूर्ति और उनकी पूजा का महत्व इस बात का प्रतीक है कि यहां की स्थानीय संस्कृति में धार्मिक सहिष्णुता का गहरा स्थान है। गणेश जी को लेकर यहां के लोगों की धार्मिक आस्था न केवल उन्हें ज्वालामुखी से सुरक्षा का एहसास दिलाती है, बल्कि उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों को भी जीवित रखती है।

 माउंट ब्रोमो का प्राकृतिक और धार्मिक आकर्षण

माउंट ब्रोमो न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपने अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों के लिए भी जाना जाता है। यहां का सूर्योदय दृश्य अत्यधिक प्रसिद्ध है, और ज्वालामुखी के गड्ढे का नज़ारा पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। हालांकि, यह ज्वालामुखी अभी भी सक्रिय है और सुरक्षा कारणों से पर्यटकों के लिए यहां जाना मना है। लेकिन स्थानीय लोगों का यह अटूट विश्वास है कि भगवान गणेश उनकी हर विपत्ति से रक्षा करेंगे, चाहे ज्वालामुखी कितना भी खतरनाक क्यों न हो।

इंडोनेशिया का माउंट ब्रोमो क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का एक अनूठा संगम है। यहां भगवान गणेश की 700 साल पुरानी मूर्ति न केवल इस क्षेत्र की धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे एक मुस्लिम बहुल देश में हिंदू मान्यताओं का सम्मान किया जाता है। ज्वालामुखी की प्रचंडता के बीच गणेश जी की पूजा जारी रहना इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक आस्था और परंपराएं समय के साथ अटूट रह सकती हैं।

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