दिल्ली को मिली सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री! आतिशी ने रचा इतिहास, जानिए उनके सफर की पूरी कहानी!

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। शनिवार, 21 सितंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राज निवास में आयोजित एक सादे समारोह में उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण के साथ, आतिशी दिल्ली की तीसरी और सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं।

उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल हैं। इनमें से मुकेश अहलावत को पहली बार दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया है, जबकि अन्य सभी नेता पहले से अरविंद केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत थे।

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने का सफर

आतिशी, जो पहले अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थीं, ने शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (PWD), बिजली, पर्यटन, महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से 2003 में इतिहास में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी। वह आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (PAC) की भी सदस्य हैं। आतिशी पार्टी की स्थापना से ही इसके साथ जुड़ी रही हैं और कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार हुए हैं, जिनके लिए उनकी काफी सराहना होती है।

गोपाल राय

गोपाल राय आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रभारी और अरविंद केजरीवाल सरकार में सबसे अनुभवी मंत्री हैं। अन्ना आंदोलन से लेकर आम आदमी पार्टी के गठन तक, राय ने हमेशा केजरीवाल का साथ दिया है। वह पर्यावरण मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। राय अपने सधे हुए राजनीतिक अनुभव के कारण पार्टी के भीतर एक मजबूत स्थान रखते हैं।

सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज, जो दिल्ली के ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, ने अरविंद केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास, पर्यटन और सिंचाई जैसे विभागों की जिम्मेदारी निभाई है। वह दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सौरभ की पेशेवर पृष्ठभूमि में माइक्रोचिप्स और कोडिंग का काम शामिल है, जहां उन्होंने एक निजी कंपनी में अपने करियर की शुरुआत की थी।

कैलाश गहलोत

दिल्ली देहात के प्रमुख नेता कैलाश गहलोत नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन, राजस्व, प्रशासनिक सुधार, कानून और न्याय जैसे विभागों का कार्यभार संभाल चुके हैं। 2023 के स्वतंत्रता दिवस पर छात्रसाल स्टेडियम में तिरंगा फहराने के बाद वह खासा चर्चा में आए थे। गहलोत का दिल्ली देहात के ग्रामीण इलाकों में काफी प्रभाव है।

इमरान हुसैन

इमरान हुसैन दिल्ली के बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और मुस्लिम बहुल इलाकों में उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। वह अरविंद केजरीवाल सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया से बिजनेस स्टडीज में स्नातक इमरान हुसैन ने लगातार दो बार विधायक का चुनाव जीता है और पार्टी के महत्वपूर्ण मुस्लिम चेहरों में से एक माने जाते हैं।

मुकेश अहलावत

मुकेश अहलावत सुल्तानपुर माजरा से दलित नेता के रूप में उभरकर आए हैं। वह पहली बार 2020 में विधायक बने और अब आतिशी की कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। इससे पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने 2015 में संदीप कुमार और 2020 में मुकेश अहलावत को उम्मीदवार बनाकर इस सीट पर जीत दर्ज की। मुकेश इस कैबिनेट के नए चेहरों में से एक हैं, जिनसे पार्टी को काफी उम्मीदें हैं।

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा

इससे पहले, 17 सितंबर 2024 को, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे का कारण आबकारी नीति से जुड़े मामले में उनका नाम सामने आना था, जिसके बाद वह तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। उनके इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी को सर्वसम्मति से नया नेता चुना गया, और अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रही हैं।

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