डिप्टी व्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। घोरावल भारतीय संस्कारों एवं नैतिक मूल्यों में दिनों -दिन आ रही गिरावट के चलते सामाजिक रिश्ते तार -तार हो रहे हैं, जो वसुधैव कुटुम्ब के लिए गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। उक्त उद्दगार वृंदावन से पधारे कथा वाचक ब्रजराज दास महाराज ने घोरावल नगर में स्थित धर्मशाला के प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सत्संग में व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में खासकर युवाओं में संस्कारों में कमी और मादक पदार्थों का सेवन आदि अमानवीय व्यवहारों की अधिकता देखी जा रही है। महाराज ने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति धीरे -धीरे लुप्त होती जा रही है और पाश्चात्य संस्कृति भारतीय लोगों के जिंदगी और दिनचर्या में निरंतर शामिल होती जा रही है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में खान-पान से लेकर रहन -सहन-पहनावा और बोल -चाल भी तेजी से बदलते जा रहे हैं।आज शहर हो या गंवई, पढ़ा -लिखा हो या अनपढ़ सब पापा -मम्मी,डैडी, अंकल -आंटी,हाय -हैलो,बाय -बाय, गुड मॉर्निंग आदि का प्रचलन भावी पीढ़ी में तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण आदर्श भारतीय संस्कृति और सभ्यता में निरंतर गिरावट आ रही है, जो भारतीय संस्कृति के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
कथा वाचक ब्रजराज दास महाराज ने कहा कि समूचे विश्व में आदर्श भारतीय संस्कृति को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, किंतु अपने ही देश में भारतीय संस्कृति के पाश्चात्य संस्कृति के चलते संकट के दौर से गुज़र रही है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति को बचाना होगा और इसे समूचे विश्व में मानव जीवन कल्याण हेतु सभी देशवासियों को अपने जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना होगा। उक्त आयोजन गत बुधवार से शुरू होकर आगामी एक दिसम्बर को सम्पन्न होगा।इस दौरान प्रतिदिन सुबह और शाम भण्डारा (श्रीमद्भागवत प्रसाद)का भी आयोजन किया जा रहा है।
इस मौके पर उद्योग व्यापार मण्डल अध्यक्ष एवं अधिवक्ता दया शंकर गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र कुमार अग्रवाल “मानव”, अशोक कुमार, संतोष कुमार नागर, राकेश कुमार उमर, रमेश चंद्र पांडेय, चंदन कुमार चौरसिया, दीपक कुमार, संजय, अरबिंद सोनी समेत तमाम भगवत्त प्रेमी मौजूद रहे।