भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण सनातन धर्म की आत्मा – हिमान्शु महाराज

न्यूज़लाइन नेटवर्क, डेस्क

भिलाई बाजार : भगवान के चौबीस अवतार भारतवर्ष मे ही हुए। धर्म की स्थापना हेतु भगवान श्रीराम व श्री कृष्ण ने इस धराधाम मे अवतार लिए। श्रीराम व श्री कृष्ण सनातन धर्म की आत्मा है।ईश्वर होते हुए इन्होने अपने चरित्र व लीला के माध्यम से पूरे विश्व को न्याय, मैत्री, सद्भाव प्रेम मानवता और विश्वकल्याण का संदेश दिया है।श्रीराम अयोध्या के विशाल राज्य का त्याग कर वनवासी गिरि कन्दरावासी और ऋषि मुनियो के ज्ञान से समाज को जोड़कर भारतीय सनातन धर्म का उत्थान किया।श्रीराम ने राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि मानकर तपस्यामय जीवन व्यतीत करते हुए समस्त राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समस्याओ का निराकरण करने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।उन्होने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को जोड़ने का सम्यक प्रयास किया।रावण कुम्भकर्ण मेघनाथ खरदूषण त्रिसिरा सुबाहु कबंध व बाली जैसे दुर्दांत दानवो का अन्त उनके घर पर जाकर दीन हीनो को संगठित करके पूरे विश्व को रामराज्य का दिव्य संदेश दिया।श्रीकृष्ण का अवतरण भी जल पर काली फल पर धेनुकासुर तथा थल पर दुर्योधन दुशासन कालयवन जरासंध कंस जैसे आततायियो के विनाश के साथ ही संसार मे शौर्य व लालित्य के समन्वय से प्रेमराज्य की स्थापना के लिए हुआ था। यह विचार भिलाई बाजार मे टेकराम कश्यप भूपतराम कश्यप के निवास पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथावाचक व्यास श्रद्धेय पण्डित डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज लोरमी वाले ने व्यक्त किए।डाक्टर तिवारी ने सुद्युम्न शर्याति सुकन्या नाभाग अंबरीश खटवांग सगर रघु अज दशरथ विश्वामित्र परशुराम रंतिदेव भरत सहित अनेक सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजाओ के गौरवगाथा का विस्तृत वर्णन किया।उक्त अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण जन्म की दिव्य झांकी प्रस्तुत की गयी।इस अवसर पर पंडित रामखेलावन पाण्डेय, पंडित नीरज तिवारी अखिलेश जायसवाल देवमहतो दिनेश कश्यप धनीराम कश्यप सहित सैकडो श्रद्धालु कथा मे उपस्थित थे।

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