शिव धनुष टूटते ही क्रोध से आग बबूला हुए महर्षि परशुराम।पूर्व चेयरमैन ने रामलीला का किया शुभारंभ

मनोज कुमार शर्मा ब्यूरो चीफ मंडल ब्यूरो आगरा

शिव धनुष टूटते ही क्रोध से आगबबूला हुए महर्षि परशुराम**पूर्व चेयरमैन ने रामलीला का किया शुभारंभ

मैनपुरी।किशनी।क्षेत्र के गांव अरसारा में चल रही रामलीला के तीसरे दिन जनक विलाप,धनुष भंग,परशुराम लक्ष्मण संवाद का भावपूर्ण मंचन हुआ।धनुष भंग की रामलीला का शुभारंभ पूर्व चेयरमैन अनिल मिश्रा ने फीता काटकर व भगवान राम की आरती कर किया।रात्रि को रामलीला के मंच पर जनकपुर में राजा जनक के दरबार सीता विवाह के स्वंययर मंचन से शुरू हुई।शिवजी के धनुष को किसी राजा के न तोड़ पाने पर राजा जनक अपनी ही घोषणा पर पछताने लगे।राजा जनक कहते हैं कि अगर में जानता पृथ्वी वीरों से ख़ाली है तो ऐसी घोषणा कभी नहीं करता।इसे सुनते ही लक्ष्मण गुस्से में आग बबूला हो गये।राम और महर्षि विश्वामित्र ने लक्ष्मण को गुस्से से शांत कराया और राम को इशारे से महर्षि ने धनुष को उठाने की आज्ञा दी।गुरु की आज्ञा पाकर श्रीराम ने धनुष को उठा उसका प्रत्यंचा चढ़ानी चाही तो धनुष तेज आवाज के साथ कई खंड में टूट गया लोगों ने श्रीराम की जय जयकार की।शिव धनुष के टूटने की आवाज सुन परशुराम जनकपुर पहुँचते है और लक्ष्मण से संवाद शुरू होता है रविवार सुबह 8 बजे तक दर्शक परशुराम लक्ष्मण संवाद का आनंद लेते रहे।इससे पूर्व मुख्य अतिथियो का रामलीला के अध्यक्ष अजय चौरसिया ने कमेटी के सदस्यों के साथ माल्यार्पण कर व राम दरबार भेंटकर सम्मानित किया।ढाई फुट के हास्य कलाकार पंचम अलबेला ने अपनी अदाओं से लोगों का खूब मनोरंजन किया।इस मौके पर रमाशंकर तिवारी,अमित तिवारी,राहुल चौहान, राहुल गुप्ता,अमित गोस्वामी,रवि निराला,अनुज तिवारी,सक्षम तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे।

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