बिहार के मोतिहारी जिले कई प्रखंड मुख्यालय में जमे रहते हैं सभी कर्मी ,लोगों को प्रखंड व अंचल का लगाना पड़ता है चक्कर ।
फोटो कैप्शन – प्रखंड कार्यालय में जमे कार्यपालक सहायक
कोटवा:- पंचायत सरकार कार्यालय पंचायतों में संचालित करने की सरकार की परिकल्पना कोटवा में पूरा नहीं हो पा रहा है। प्रखंड के कई पंचायतों में पंचायत स्तरीय कर्मी पंचायत कार्यालय नहीं जाते हैं। इससे पंचायत वासियों को अपने विभिन्न कार्यों के लिए प्रखंड का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सबसे दिक्कत तो उन पंचायत के लोगों को होती है जो प्रखंड मुख्यालय से काफी दूर हैं। कई किलोमीटर की सफर तय कर प्रखंड और अंचल में पहुंचने वाले लोगों को काम नहीं होने पर मायूस होकर वापस लौट जाना पड़ता है। पंचायत स्तरीय कर्मी कभी मीटिंग तो कभी प्रभार वाले पंचायत में चले जाने का बहाना बनाकर पंचायत कार्यालय से गायब रहते हैं। प्रखंड के सभी पंचायतों में आरटीपीएस की सुविधा उपलब्ध होने की बात बताई जा रही है लेकिन कार्यपालक सहायक के नहीं जाने से लोगों को ऑनलाइन कराने के लिए भटकना पड़ता है। इससे लोगों का बेवजह समय और पैसे की बर्बादी हो रही है। कार्यपालक सहायक सहित पंचायत स्तरीय अधिकांश कर्मी प्रखंड मुख्यालय में ही प्रतिदिन जमे रहते हैं। इस पर पदाधिकारियों के ध्यान नहीं देने से सभी कर्मी बेलगाम हो गए हैं। इसके प्रति कई जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए हैं। कर्मियों की उपस्थिति मुखिया को देनी है। लेकिन कई मुखिया बताते हैं कि हमसे कोई उपस्थिति नहीं ली जा रही है। वैसे में सवाल उठता है कि मुखिया के बिना उपस्थिति दिए कर्मियों का भुगतान कैसे हो जा रहा है।
11 कर्मियों को पंचायत कार्यालय में रहना है
पंचायत स्तरीय कर्मियों को प्रतिदिन पंचायत कार्यालय में उपस्थित होकर लोगों के समस्या का समाधान करना है। इन कर्मियों में पंचायत सचिव, आवास सहायक, विकास मित्र, राजस्व कर्मचारी, तकनीकी सहायक, कार्यपालक सहायक, किसान सलाहकार, पीटीए, रोजगार सेवक सहित 11 कर्मियों को पंचायत कार्यालय में उपस्थित रहना है।
पंचायत में इन कार्यों का करना है निपटारा
पंचायत कार्यालय में आरटीपीएस काउंटर का प्रतिदिन संचालन करना है ताकि लोगों का कार्य जल्द हो सके। इसमें जाति, आवासीय, आय, पेंशन, ईडब्ल्यूएस, दाखिल खारिज, आवास, कृषि, परिमार्जन, एलपीसी, जमाबंदी सुधार, जमाबंदी आधार सीडिंग, जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र आदि समस्या का निदान पंचायत में ही हो सके। लेकिन कर्मियों के गायब रहने से लोगों को प्रखंड एवं अंचल का चक्कर लगाना पड़ता है।
बताते हैं जनप्रतिनिधि
डुमरा पंचायत के मुखिया राजू ठाकुर बताते हैं कि पंचायत कार्यालय पर कोई भी कर्मी नहीं आते हैं जिससे आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। बीडीओ से इस संबंध में कई बार कहा गया लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया जिससे कर्मी बेलगाम हो गए हैं।जसौली पट्टी पंचायत की मुखिया अर्चना देवी ने बताया कि 6 महीनों से न कार्यपालक सहायक और नही कोई कर्मी पंचायत कार्यालय में आते हैं।
बताते हैं अधिकारी
बीडीओ सरीना आजाद ने बताया कि सभी पंचायतों में आरटीपीएस संचालित है। सभी कर्मियों को नियमित पंचायत जाना है। कर्मियों की उपस्थिति मुखिया को हर महीने 25 तारीख को देना है। जो भी कर्मी पंचायत नही जा रहे हैं उनसे स्पष्टीकरण पूछा जायेगा और कार्रवाई की जायेगी।

रिपोर्ट :- शिवम कुमार(मोतिहारी)